“बढ़े हुए प्रोस्टेट में क्या नहीं खाना चाहिए?” यह एक सवाल है जिसे बढ़े हुए प्रोस्टेट वाले पुरुष अक्सर अपने डॉक्टर्स से पूछते हैं। आपके आहार बढ़े हुए प्रोस्टेट के लक्षणों को बिगाड़ने या कम करने की शक्ति रखते हैं। यह आपके प्रोस्टेट की प्रगति को धीमा करने, प्रोस्टेट ट्रीटमेंट में, और प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में भी मदद कर सकते हैं। आइए इसे गहराई से समझते हैं।
प्रोस्टेट क्या होता है? (prostate kya hota hai)
प्रोस्टेट एक ग्रंथि है जो सीधे ब्लैडर के नीचे स्थित है, जो मूत्रनली के शीर्ष भाग को घेरती है। मूत्रनली ब्लैडर से मूत्र को शरीर से बाहर ले जाने में मदद करती है।
जब प्रोस्टेट बढ़ जाता है या सूज जाता है, तो यह मूत्रनली पर दबाव डालता है और मूत्र के प्रवाह को रोक देता है। इस स्थिति को बीपीएच या बिनाइन प्रोस्टेटिक हाईपरप्लासिया (Benign Prostatic Hyperlasia) कहा जाता है।
प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है? (prostate kyun badhta hai)
पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ प्रोस्टेट ग्रंथि का आकार अपने आप बढ़ता है और यह आमतौर पर नॉन -कैंसरस होता है। प्रोस्टेट बढ़ना प्यूबर्टी (यौवन) के दौरान शुरू होता है। हालाँकि, सबसे महत्वपूर्ण बढ़त 25 वर्ष की आयु के बाद होती है। 40 वर्ष की आयु तक, लगभग 10% पुरुषों में BPH के कुछ लक्षण होते हैं, और यह संख्या 60 वर्ष की आयु तक 50% और 85 वर्ष की आयु तक 90% तक बढ़ जाती है।
युवा पुरुषों में प्रोस्टेट अखरोट के आकार का होता है जो धीरे-धीरे मूत्रमार्ग को घेरता जाता है। जैसे-जैसे प्रोस्टेट बढ़ता है, यह मूत्रमार्ग पर दबाव डाल सकता। जिससे मूत्र संबंधी असुविधा जैसे कि कमजोर मूत्र प्रवाह, मूत्र के प्रवाह को शुरू करने या रोकने में कठिनाई, बार-बार और तत्काल पेशाब करने की आवश्यकता और रात में बार-बार पेशाब करने के लिए उठना आदि हो सकते हैं।
हालाँकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि बढ़े हुए प्रोस्टेट का हमेशा यह मतलब नहीं होता है कि कोई समस्या है जिसका इलाज करने की आवश्यकता है। वास्तव में, BPH वाले कई पुरुषों में कोई लक्षण नहीं होते हैं, और जिन लोगों में लक्षण होते हैं, उन्हें भी इतना घबराने की जरूरत नहीं है।
प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, यह अभी तक पूरी तरह साफ नहीं है, लेकिन रिसर्चर्स का मानना है कि हार्मोनल बदलाव, जेनेटिक फैक्टर और लाइफस्टाइल प्रॉब्लम जैसे फिज़िकल ऐक्टिविटी की कमी और हाई फैट वाले आहार इसे बढ़ा सकते हैं।
सौभाग्य से, परेशान करने वाले BPH लक्षणों वाले पुरुषों के लिए कई उपचार विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें दवा, न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाएं और सर्जरी शामिल हैं।
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प्रोस्टेट में क्या नहीं खाना चाहिए (prostate me kya nahi khana chahiye)
ये कुछ खान-पान की चीजें हैं जिनसे प्रोस्टेट में परहेज करना चाहिए:
1. शराब (Alcohol)
बढ़े हुए प्रोस्टेट के लिए सबसे हानिकारक आहार शराब है। शराब पीने से प्रोस्टेट कैंसर होने खतरा बढ़ सकता है। 1990 के दशक में किए गए प्रोस्टेट कैंसर प्रिवेंशन ट्रायल में 10,000 से अधिक पुरुषों के डेटा का उपयोग करके वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने अध्ययन किया। इसमें पाया गया कि ज्यादा मात्रा में शराब पीने वाले पुरुषों को एडवांस प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कहीं अधिक था।
डॉक्टर्स के अनुसार, पुरुषों के लिए, प्रतिदिन 3 से अधिक ड्रिंक्स या सप्ताह में 20 ड्रिंक्स से ज्यादा शराब की मात्रा अत्यधिक मानी जाती है।
यहां एक सूची है जिन्हें आप शराब के विकल्प के रूप में पी सकते हैं:
- स्पार्कलिंग वाटर
- ताजा जूस
- बिना शुगर वाले मॉकटेल्स
- कोम्बूचा, आदि।
2. लाल मांस और प्रोसेस्ड मीट (Red Meat & Processed Meat)
मांस युक्त आहार का सेवन प्रोस्टेट कैंसर के उत्पादन के बढ़ते खतरे से जुड़ सकता है। इसका कारण हो सकता है हेटेरोसाइक्लिक एमिन्स (heterocyclic amines, एचसीएस)। ये पके हुए मांस में पाए जाने वाले कार्सिनोजन (carcinogens, कैंसर को उत्पन्न करने वाले पदार्थ) होते हैं, जो लाल मांस को उच्च तापमान पर पकाने पर बनते हैं। एचसीएस का विकास कई कैंसरों के विकास से जुड़ा हुआ है।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने बताया है कि लाल मांस और प्रोसेस्ड मीट दोनों प्रोस्टेट कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, निम्नलिखित आहार विकल्पों से बचें:
- सूअर का मांस
- गाय का मांस
- पेपरोनी
- हॉट डॉग
- सॉसेज
किसी भी मांस, जो पकाने से पहले ही गहरे लाल रंग का होता है, उसे लाल मांस कहा जाता है। बढ़े हुए प्रोस्टेट में क्या खाना चाहिए? लाल या प्रोसेस्ड मीट की बजाय, आप इन उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं:
- लीन मीट - कम वसा वाला मांस - जैसे कि छिलके हटाए हुए चिकन
- मछली
- सेम और फलियां
- साबुत अनाज
- बादाम, आदि
इसके अलावा, टोफू या टेम्पेह जैसे मांस के विकल्पों को भी आप आजमा सकते हैं।
3. पूर्ण वसा दूध और दूध से बने उत्पादों (Full Fat Milk & Milk Products)
बड़े हुए प्रोस्टेट में दूध पीना चाहिए या नहीं? नहीं।
दूध और दूध से बने उत्पाद दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण हैं। सुबह की चाय से सोने से पहले पीने वाले हल्दी दूध तक, दूध से बने उत्पादों से दूर रहना असंभव लग सकता है, लेकिन हमें निश्चित रूप से प्रयास करना चाहिए।
जर्नल ऑफ़ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, पूर्ण वसा डेयरी से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
डेयरी सेवन को सीमित करने का प्रयास करें। फैट-फ्री और कम वसा (लो-फैट) वाले विकल्पों को चुनें। उदाहरण के तौर पर आप सोया मिल्क या कॉकोनट मिल्क आजमा सकते हैं।
4. सैचुरेटेड फैट्स (Saturated Fats)
सैचुरेटेड फैट्स से कई समस्याएं हो सकती हैं। सैचुरेटेड फैट्स के सेवन को कम करने से आपके प्रोस्टेट और सामान्य स्वास्थ्य में लाभ हो सकता है।
सैचुरेटेड फैट्स आम तौर पर इन चीजों में पाए जाते हैं और इनसे आपको बचना चाहिए:
- मांस और मांस प्रोडक्ट्स
- पनीर, मक्खन, दही आदि जैसे डेयरी उत्पाद
- सलाद के सॉस या सलाद ड्रेसिंग
- ब्रेड, कुकीज़, केक आदि जैसे बेक्ड गुड्स।
आप अपने आहार में सैचुरेटेड फैट्स को अनसेचुरेटेड फैट्स से बदल सकते हैं, जैसे कि:
- जैतून का तेल
- अवोकाडो
- बादाम आदि
- बीज
- टोफू
- मछली
5. कैफीन (Caffeine)
यदि आपका प्रोस्टेट बढ़ा हुआ है, तो कैफीन से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि कैफीन के कारण पेशाब जल्दी-जल्दी और बार-बार लगता है। इसके साथ ही यह तेज़ दिल की धड़कन, चिंता, और अनिद्रा को भी उत्पन्न कर सकता है।
कैफीन आमतौर पर निम्नलिखित चीजों में पाया जाता है:
- कॉफ़ी
- चाय
- कोको बीन्स और चॉकलेट
- एनर्जी ड्रिंक्स
- सोडा
- कुछ दवाओं में
6. सोडियम (Sodium)
सोडियम के सेवन को हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) के साथ जोड़ा जाता है, जो मूत्र निर्माण और निकासी की प्रक्रिया पर घुमावदार प्रभाव डाल सकता है।
7. चीनी वाले खाद्य पदार्थ (Sugary Foods)
आपकी प्रोस्टेट ग्रंथि पर आपके रक्त चीनी के स्तर का प्रभाव पड़ता है। अध्ययनों से पता चलता है कि उच्च रक्त चीनी स्तर वाले पुरुषों में प्रोस्टेट के विकास का तीन गुना ज्यादा खतरा होता है। मोटे पुरुषों को भी अधिक जोखिम होता है।
8. तीखे खाद्य पदार्थ (Spicy Food)
तीखे खाद्य पदार्थ प्रोस्टेट में सूजन का कारण बन सकते हैं और मूत्राशय, पीठ या मलाशय में दर्द और जलन का कारण बन सकते हैं। आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप अपने आहार में सूजनरोधी तत्वों को अधिक सम्मिलित करें, जैसे कि बेरीज, एवोकाडो, टमाटर आदि।
9. अम्लीय खाद्य पदार्थ (Acidic Foods)
कुछ रिसर्च से पता चलता है कि अधिक अम्लीय (असिडिक ) खाद्य पदार्थों वाले आहार से शरीर में सूजन हो सकती है, जो प्रोस्टेटाइटिस या बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) जैसी प्रोस्टेट समस्याओं को बढ़ा सकती है। खट्टे फल, टमाटर और विनेगर जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थों का सेवन एक हद से ज़्यादा न करें। असिडिक खाद्य को नियंत्रित करना प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।
10. चाय (Tea)
ज्यादा चाय का सेवन प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चाय में कैटेचिन नामक एक कम्पाउन्ड होता है, जो लाइकोपीन को ऐब्सॉर्ब करके शरीर की क्षमता में बाधा डालता है। लाइकोपीन एक एंटीऑक्सीडेंट है जो प्रोस्टेट पर सुरक्षात्मक प्रभाव डालता है। चाय की बजाय ग्रीन-टी पीना बेहतर है, क्योंकि इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रोस्टेट समस्याओं को कम करने में सहायक है।
11. हाई कैल्शियम डाइट (High Calcium Diet)
कैल्शियम से भरपूर आहार प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। हाई कैल्शियम का स्तर शरीर में विटामिन-डी की सक्रियता को कम कर सकता है। विटामिन-डी प्रोस्टेट कैंसर की रोकथाम करने में अहम भूमिका निभाता है। हालाँकि, समग्र स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त कैल्शियम का सेवन बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है। इसलिए बेहतर है कि आप कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे डेयरी और पत्तेदार सब्जियां, का सेवन सीमित मात्रा में करें।
समझिए कि संतुलन ही मूल है। किसी पोषक तत्व या विटामिन को अधिक से अधिक खाना भी नुकसान पहुंचा सकता है। संतुलित आहार लें, स्वच्छ खाना खाएं, व्यायाम करें, और स्वस्थ रहें।
प्रोस्टेट इन्फेक्शन के लक्षण (Prostate Infection Ke Lakshan)
प्रोस्टेट इन्फेक्शन के कुछ सामान्य लक्षण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैं:
- दर्द: प्रोस्टेट एरिया, पेनिस, टेस्टिकल्स या पीठ के निचले हिस्से में दर्द।
- पेशाब से जुड़ी समस्याएँ: पेशाब करते समय जलन, बार-बार पेशाब आना या पेशाब करने में कठिनाई।
- तेज पेशाब आना: मूत्राशय भरा न होने पर भी पेशाब करने की तत्काल आवश्यकता महसूस होना।
- बुखार: शरीर गर्म होना या बुखार होना कई बार संक्रमण का संकेत हो सकता है।
- डिस्चार्ज: लिंग से असामान्य डिस्चार्ज, जो धुंधला, पीला या खून से भरा हो सकता है।
- दर्दनाक स्खलन (पैनफूल ईजैक्यूलैशन): सीमन डिस्चार्ज के दौरान दर्द।
- पेट के निचले हिस्से में दर्द: पेट के निचले हिस्से में दर्द या बेचैनी।
- पेशाब या वीर्य में खून: कई मामलों में, पेशाब या वीर्य में खून मौजूद हो सकता है।
- ठंड लगना: ठंड और कंपकंपी महसूस होना, जो संक्रमण का संकेत हो सकता है
स्वस्थ प्रोस्टेट के लिए आहार विकल्प (Prostate Health Ke Liye Healthy Diet Ke Options)
क्या बिना ऑपरेशन प्रोस्टेट का इलाज संभव है? हालांकि यह अलग-अलग लोगों पर निर्भर करता है, मगर अच्छे खान-पान से प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं को काफी कम किया जा सकता है। प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए नीचे लिखे स्वस्थ आहार के विकल्प लिए जा सकते हैं:
- सभी प्रकार के फल और सब्जियां, विशेष रूप से टमाटर, बेरीज, नट्स, और ताजगी वाले फल।
- अनाज, जैसे कि गेहूं, बाजरा, जौ, और चावल का सेवन करें।
- अखरोट, काजू, और बादाम जैसे नट्स खाएं।
- मछली, जैंगर, ताजी माछली, मकड़ी, और तिल का तेल शामिल करें।
- हरी चाय, पनीर, दही, और अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन करें, यदि वे आपके लिए सही हैं।
एक स्वस्थ आहार का पालन करके और अनुचित आहार के सेवन से बचकर, आप प्रोस्टेट स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं। तेजी से पकने वाले मसालेदार खाने, प्री-पैकेज्ड खाद्य पदार्थों, अत्यधिक मीठे खाद्य पदार्थों, और प्रोसेस्ड और जंक फूड के सेवन से बचें।
प्रोस्टेट इन्फेक्शन के लक्षणों को जानें और स्वस्थ आहार के सही विकल्पों को शामिल करें। यह सुनिश्चित करेगा कि आप प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं और बेहतर जीवनशैली का आनंद लें।
प्रोस्टेट की रामबाण दवा
कुछ घरेलू नुस्खे अक्सर फायदेमंद होते हैं।
इन्हीं नुस्खों में से एक है पंपकिन सीड्स जिन्हें प्रोस्टेट की रामबाण दवा, in Hindi - कद्दू के बीज के नाम से जाना जाता है। ये बीज प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का एक उत्कृष्ट स्रोत है और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर है। इनमें कुकुर्बिटासिन नामक एक आवश्यक यौगिक (कम्पाउन्ड) शामिल होता है, जो प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाओं के विकास को कम करता है। इनमें बीटा-सिटोस्टेरॉल नामक एक पदार्थ होता है, जो कि पेशाब संबंधी समस्याओं को कम करने में सहायक पाया गया है।
ये जिंक से भी भरपूर होते हैं जिसे प्रोस्टेट ग्रंथि के स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज माना जाता है। इसलिए इन्हें अपने आहार में शामिल करने से प्रोस्टेट स्वास्थ्य में मदद मिल सकती है और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
इसके अलावा, कुछ अन्य रामबाण उपाय हैं अखरोट और हल्दी का सेवन।
अखरोट में विटामिन और मिनरल्स के साथ-साथ उपयोगी ओमेगा-3 फैटी एसिड्स भी होते हैं। ये फैटी एसिड्स प्रोस्टेट को सुधारने व स्वस्थ रखने में और प्रोस्टेट के आकार को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके सेवन का एक अच्छा तरीका है इसका शेक बनाना। अखरोट को दूध के साथ ब्लेंड करके शेक बना सकते हैं शहद और खजूर के साथ।
हल्दी में मौजूद कुर्कुमिन एक प्राकृतिक एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट होता है। यह प्रोस्टेट स्वास्थ्य को सुधारने में और प्रोस्टेट के बढ़े हुए आकार को कम करने में सहायक होता है। हल्दी का इस्तेमाल आप खाने में शामिल कर सकते हैं, या फिर आप उसे गर्म दूध में मिलाकर पी सकते हैं।आप कच्ची हल्दी खाकर भी पौष्टिक तत्वों का लाभ उठा सकते हैं।
हालांकि यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नुस्खे फायदेमंद जरूर हैं, मगर दवा का विकल्प नहीं हैं।
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अक्सर पूछे गए सवाल (Frequently Asked Questions - FAQs)
क्या दूध प्रोस्टेट के लिए खराब है? (Kya milk prostate ke liye kharab hai?)
वर्तमान अध्ययनों के अनुसार, दूध पीने से प्रोस्टेट से संबंधित समस्याओं का रिस्क कम हो सकता है। दूध प्रोस्टेट के लिए उपयोगी पौष्टिक तत्वों और विटामिन डी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। हालांकि, प्रत्येक व्यक्ति के शारीरिक प्रतिक्रिया अलग हो सकती है, इसलिए अगर किसी व्यक्ति को दूध या डेयरी उत्पादों के सेवन से एलर्जी या प्रोस्टेट संबंधित समस्याएं होती हैं, तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
प्रोस्टेट कैंसर के रिस्क को कैसे कम करें? (Prostate cancer ke risk ko kaise kum kare?)
प्रोस्टेट कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाना सुझाया जाता है:
- स्वस्थ आहार: पौष्टिक आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां, पूरे अनाज, और पौष्टिक तेल शामिल हों।
- नियमित व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करें, जैसे कि योग, चलना, जॉगिंग, और व्यायामी शारीरिक गतिविधियां।
- संतुलित वजन बनाए रखें: अधिक मोटापा प्रोस्टेट कैंसर के विकास के रिस्क को बढ़ा सकता है, इसलिए स्वस्थ वजन बनाए रखें।
- तंबाकू और मादक पेय का परिहार: तंबाकू का सेवन कम करें और ज़्यादा मात्रा में शराब का सेवन न करें।
- नियमित चेकअप: नियमित रूप से चिकित्सा परीक्षण कराएं, जिसमें प्रोस्टेट स्क्रीनिंग टेस्ट शामिल हो सकते हैं।
बढ़े हुए प्रोस्टेट के लिए कौन से फल अच्छे हैं? (Badhe hue prostate ke liye kon se fruits aache hai?)
बढ़े हुए प्रोस्टेट के लिए निम्नलिखित फल उपयोगी हो सकते हैं:
- टमाटर: टमाटर लायकोपीन नामक पौष्टिक यौगिक का एक स्रोत होते हैं, जिसे प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है।
- बेरीज: स्ट्रॉबेरी, रसभरी, और ब्लूबेरी जैसे बेरीज एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन सी का अच्छा स्रोत होते हैं, जो प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
- नट्स: अखरोट, काजू, और बादाम जैसे नट्स ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, विटामिन ई, और सेलेनियम का अच्छा स्रोत होते हैं, जो प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं
- ताजगी वाले फल: सेब, संतरा, और आम जैसे ताजगी वाले फल विटामिन सी और फाइबर का अच्छा स्रोत होते हैं और प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
चावल बढ़े हुए प्रोस्टेट के लिए अच्छा है? (Chawal badhe hue prostate ke liye aacha hai?)
चावल, विशेष रूप से उबले हुए चावल, प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकते हैं। इसमें फाइबर, भोजन से मिलने वाले ऊर्जा के लिए आवश्यक कार्बोहाइड्रेट्स, और अन्य पौष्टिक तत्वों की अच्छी मात्रा होती है। हालांकि, अत्यधिक चावल सेवन से पेशाब में संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है, इसलिए मात्रा का सवाल ध्यान में रखें और डॉक्टर की सलाह पर विश्वास करें।
क्या मूंगफली बढ़े हुए प्रोस्टेट के लिए अच्छे हैं? (Peanuts badhe hue prostate ke liye aache hai?)
हां, मूंगफली (ग्रामीण भाषा में खासकस) बढ़े हुए प्रोस्टेट के लिए उपयोगी हो सकती है। मूंगफली भरपूर मात्रा में विटामिन ई, फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, और विटामिन बी का स्रोत होती है। इसके साथ ही, यह ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और एंटीऑक्सिडेंट्स का भी एक अच्छा स्रोत है। अगर किसी व्यक्ति को मूंगफली से एलर्जी होती है या किसी अन्य समस्या की संभावना होती है, तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
क्या प्याज प्रोस्टेट के लिए खराब हैं? (Kya pyaz badhe hue prostate ke liye kharab hai?)
प्याज प्रोस्टेट के लिए खराब माना जाता है। इसमें मौजूद एक तत्व नामक अलियोसिन आपके प्रोस्टेट को अधिक सक्रिय बना सकता है और पेशाब करने में समस्या पैदा कर सकता है। इसलिए, प्रोस्टेट समस्या के मरीजों को प्याज की मात्रा पर सतर्क रहना चाहिए और डॉक्टर की सलाह पर विश्वास करना चाहिए।
प्रोस्टेट के लिए सबसे अच्छा खाना कौन-सा है? (Prostate ke liye sabse aacha khana konsa hai?)
प्रोस्टेट के लिए सबसे अच्छा खाना:
- सभी प्रकार के फल और सब्जियां, विशेष रूप से टमाटर, बेरीज, नट्स, और ताजगी वाले फल।
- अनाज, जैसे कि गेहूं, बाजरा, जौ और चावल का सेवन करें।
- अखरोट, काजू, और बादाम जैसे नट्स खाएं।
- मछली, जैतून का तेल, और तिल का तेल जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड्स के स्रोत शामिल करें।
- ग्रीन टी, पनीर, दही, और अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन करें, यदि वे आपके लिए सही है।
यदि आपको कोई प्रोस्टेट समस्या है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना हमेशा उचित होगा, क्योंकि हर व्यक्ति के लिए उपाय और आहार में अंतर हो सकता है।
क्या चावल प्रोस्टेट के लिए अच्छा है?
चावल प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए न्यूट्रल है। इसका प्रोस्टेट स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज से भरपूर आहार सफेद चावल की तुलना में बेहतर विकल्प हैं।
प्रोस्टेट में कितना पानी पीना चाहिए?
प्रतिदिन 8-10 गिलास पानी पीने का लक्ष्य रखें। इससे विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिन्स) को बाहर निकालने और प्रोस्टेट समस्याओं से जुड़े मूत्र संबंधी (यूरिनर) लक्षणों को कम करने में मदद मिलेगी।