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Nobel Hygiene

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कुछ समय पहले, एक महिला को बार-बार टॉयलेट जाने की समस्या हो रही थी और पेशाब करते समय जलन का अनुभव होता था। डॉक्टर ने उसे कुछ दवाइयाँ दीं, जिससे उसे थोड़ी राहत मिली। लेकिन उसके मन में यह सवाल बना रहा कि क्या कोई प्राकृतिक और स्थायी उपाय हो सकता है।

इसी दौरान, किसी ने उसे गोखरू नाम की एक जड़ी-बूटी के बारे में बताया। वह यूरिन इन्फेक्शन में गोखरू के फायदे के बारे में सोचने लगी। शुरू में वह इसे लेकर थोड़ा संशय में थी, लेकिन जब उसने नियमित रूप से गोखरू का सेवन शुरू किया, तो उसने अपने स्वास्थ्य में स्पष्ट बदलाव महसूस किया।

बार-बार पेशाब आने की आदत में कमी आई, जलन से राहत मिली और शरीर में हल्कापन महसूस हुआ। धीरे-धीरे उसने समझा कि गोखरू वास्तव में यूरिन इन्फेक्शन जैसी समस्याओं में लाभकारी हो सकता है।

गोखरू क्या है?

गोखरू (Tribulus terrestris) एक छोटा पौधा है, जिसके कांटेदार फल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। आयुर्वेद में इसे "गोक्षुर" के नाम से जाना जाता है। इसका स्वाद कड़वा-मीठा होता है और यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, सूजन कम करने तथा मूत्र प्रणाली को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होता है। इसी कारण इसका उपयोग मूत्र संक्रमण, पथरी और पेशाब में रुकावट जैसी समस्याओं के उपचार में किया जाता है।

यह भी पढ़ें: पुरुषों में यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण कैसे हैं महिलाओं से अलग।

यूरिन इन्फेक्शन में गोखरू के फायदे

यूरिन इन्फेक्शन में गोखरू के फायदे अनेक हैं। आइए, इन्हें एक-एक करके जानते हैं।

1. सूजन और जलन से राहत

यूरिन इन्फेक्शन के दौरान पेशाब करते समय अक्सर जलन और दर्द महसूस होता है। गोखरू के प्राकृतिक गुण सूजन को कम करने और इस जलन से आराम दिलाने में सहायक होते हैं।

2. प्राकृतिक डाइयूरेटिक

गोखरू एक प्राकृतिक डाइयूरेटिक (मूत्रवर्धक) के रूप में काम करता है। यह शरीर से विषैले तत्वों और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने में मदद करता है। इसका लाभ यह होता है कि पेशाब के दौरान संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया भी बाहर निकल जाते हैं। इसी कारण यूरिन इन्फेक्शन में गोखरू की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

3. बैक्टीरिया का असर कम करना

मूत्र पथ संक्रमण (UTI) का एक प्रमुख कारण E. Coli जैसे बैक्टीरिया होते हैं। गोखरू में मौजूद औषधीय तत्व इन बैक्टीरिया की वृद्धि को धीमा करने और संक्रमण के फैलाव को रोकने में मदद करते हैं।

4. किडनी और मूत्र मार्ग की सफाई

गोखरू काढ़ा के फायदे में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि यह किडनी को साफ और मजबूत रखने में मदद करता है। इसका सेवन शरीर से अवांछित तत्वों को बाहर निकालने और संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने में सहायक होता है। नियमित रूप से गोखरू काढ़ा पीने से मूत्र पथ संक्रमण का खतरा कम होता है और मूत्र मार्ग लंबे समय तक स्वस्थ बना रहता है।

5. महिलाओं के लिए खास लाभ 

महिलाओं में मूत्र पथ संक्रमण (UTI) की समस्या पुरुषों की तुलना में अधिक पाई जाती है। ऐसे में गोखरू काढ़ा के फायदे महिलाओं के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं। इसका नियमित सेवन न केवल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, बल्कि संक्रमण के दोबारा होने की संभावना को भी कम करता है।

यह भी पढ़ें: यूरिन इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक इलाज

निष्कर्ष

आयुर्वेदिक चिकित्सा मानती है कि प्रकृति में अनेक छोटी-छोटी बीमारियों का उपचार छिपा होता है। गोखरू भी उन्हीं में से एक है। खासकर, यूरिन इन्फेक्शन में गोखरू के फायदे बेहद प्रभावकारी माने जाते हैं। यह न केवल संक्रमण के लक्षणों में सुधार करता है, बल्कि मूत्र प्रणाली को लंबे समय तक सशक्त भी बनाता है।

हालाँकि, किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन शुरू करने से पहले चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है, ताकि आपको अधिकतम लाभ मिले और संभावित दुष्प्रभावों से बचाव हो सके।

लेकिन जब तक उपचार का असर दिखाई दे, तब तक खुद को सुरक्षित और आत्मविश्वासी रखने के लिए फ्रेंड्स प्रीमियम एडल्ट डायपर ड्राई पैन्ट्स का सहारा लें। ये डायपर्स लंबे समय तक सूखापन बनाए रखते हैं, बेहद आरामदायक हैं और पहनने-उतारने में आसान हैं। अभी ऑर्डर करें!


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प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

1. क्या गोखरू यूरिन इन्फेक्शन में असरदार है?

हाँ, इसकी सूजनरोधी और डाइयूरेटिक विशेषताएं संक्रमण को कम करती हैं।

2. गोखरू कैसे काम करता है यूरिन सिस्टम पर?

यह मूत्र प्रवाह को बढ़ाकर बैक्टीरिया और टॉक्सिन को शरीर से बाहर निकालता है।

3. गोखरू कितनी मात्रा में लेना चाहिए?

डॉक्टर की सलाह से इसका पाउडर 3 से 5 ग्राम या कैप्सूल लेना आम है।

4. महिलाओं के लिए गोखरू कितना सुरक्षित है?

यह आम तौर पर सुरक्षित है, लेकिन गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान डॉक्टर की सलाह चाहिए।

5. गोखरू कितना समय तक लेना चाहिए?

नियमित रूप से दो से तीन महीने तक खाने से अच्छा परिणाम मिल सकता है, लेकिन अवधि डॉक्टर निर्धारित करेंगे।

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