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Nobel Hygiene

“मुझे तो पहले ही शक़ हो गया था कि कुछ गड़बड़ है, वरना इतना टाइम किसी को बाथरूम में लगता है क्या? बच्चों को स्कूल के लिए देरी हो रही हो, या बाबू जी को मंदिर दर्शन जाना हो; ये एक बार बाथरूम गए, तो बस इनके बाथरूम से निकलने का इंतज़ार करते रहो! शुक्र है कि मेरे कहने पर वक़्त रहते डॉक्टर को दिखाया और पेशाब न आने की बीमारी से छुटकारा मिल गया।” हमारी फेसबुक फॉलोअर रत्ना देवी ने अपने पति की यह आदत हमारे साथ शेयर की और सलाह पर तुरंत डॉक्टर से भी मश्वरा किया।

क्या आपको पेशाब करने की तेज इच्छा होती है, लेकिन आप ठीक से पेशाब नहीं कर पाते हैं? आपको पेशाब में देर लगती है? पेशाब नहीं होने के साथ-साथ पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द भी होता है? आपकी ये समस्याएं पेशाब नहीं आने से जुड़ी हुई हो सकती हैं। हालांकि, इससे घबराने की जरूरत नहीं है। आज हम इस विषय पर बात करेंगे और आपको बताएंगे पेशाब न आने पर घरेलू उपचार। पेशाब रुकने का घरेलू इलाज अपनाने से आपको फ़ायदा मिल सकता है, लेकिन फिर भी समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

पेशाब का प्रेशर न बनना क्या होता है?

पेशाब का प्रेशर न बनना ऐसी स्थिति है जहां किसी व्यक्ति को पेशाब करने की आवश्यकता महसूस होने के बावजूद मूत्र की धारा शुरू करने या बनाए रखने में कठिनाई का अनुभव होता है। आम तौर पर, जब आपको पेशाब करने की आवश्यकता होती है, तो आपको बाथरूम जाने की तीव्र इच्छा महसूस होगी। यह मूत्राशय की दीवारों में मूत्र भरने के कारण खिंचाव के कारण होता है। हालाँकि, कुछ लोगों को पेशाब करने में दबाव की कमी का अनुभव हो सकता है, भले ही उनका मूत्राशय भरा हुआ हो। यह मूत्र पथ के संक्रमण, मूत्राशय कैंसर और प्रोस्टेट समस्याओं सहित कई अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियों का संकेत हो सकता है। 

पेशाब न आने का कारण (Peshab Na Aane ke Karan)

पेशाब न आने का कारण कई बातों पर निर्भर करता है, जिसमें शामिल हैं:

  • पानी कम पीना पेशाब न आने का कारण हो सकता है। इसकी वजह से पेशाब गहरे पीले रंग का हो सकता है और मूत्राशय में जलन महसूस हो सकती है।
  • कभी-कभी बार-बार दस्त, उलटी या कोई अन्य बीमारी होने पर भी आपके शरीर में पानी की कमी हो जाती है और यह भी पेशाब न आने का कारण हो सकता है। 
  • कई बार पेशाब की नली में रुकावट आना पेशाब न आने का कारण बनता है। ऐसा तब होता है, जब पेशाब गुर्दे से बाहर नहीं निकल पाता है। यह एक या दोनों गुर्दों को प्रभावित कर सकता है। इससे रुक-रुक कर पेशाब आता है और जलन भी होती है। इससे शरीर में दर्द होता है, मतली होती है, शरीर में सूजन आ जाती है, और बुखार भी आ सकता है।
  • मूत्राशय या पेशाब की थैली की मांसपेशियों पर आपका नियंत्रण नहीं रहना अक्सर उम्र बढ़ने के साथ, आपके मूत्राशय को सहारा देने वाली मांसपेशियां ढीली पड़ जाती हैं। इसकी वजह से मूत्राशय की मांसपेशियां पेशाब को पूरी तरह बाहर नहीं निकाल पातीं। रुक-रुक कर पेशाब आना, पेशाब का प्रेशर न बनना और जलन होना इसका सामान्य लक्षण है। यह कई वजहों से हो सकता है, लेकिन यह कैंसर, गुर्दों में पथरी, संक्रमण, डायबिटीज या प्रोस्टेट के बढ़ जाने का लक्षण भी हो सकता है, इसलिए डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ज़रूरी है।

रुक-रुक कर पेशाब आना और जलन होना एक चिकिसीय स्थिति है और इसका इलाज करने के लिए डॉक्टर आपका मेडिकल इतिहास देख सकता है। कुछ टेस्ट भी करा सकता है। इनमें यह टेस्ट हो सकता है कि आपको कितना पेशाब आ रहा है और वो स्वस्थ आदमी से कितना कम है। इसके अलावा यूरोडायनामिक टेस्ट और सिस्टोस्कोपी भी करा सकता है।

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महिलाओं में पेशाब रुकने का क्या कारण है?

पेशाब रुकने की समस्या पुरुषों के साथ महिलाओं में भी आम होती है। इसे आम तौर पर मूत्र प्रतिधारण या यूरीनरी रीटेन्शन कहा जाता है। यह एक गंभीर समस्या हो सकती है, क्योंकि इससे संक्रमण, किडनी खराब होने और अन्य स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं। ऐसी कई अलग-अलग चीजें हैं जो महिलाओं में पेशाब रुकने का कारण बन सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:

मूत्राशय की समस्याएं: मूत्राशय की समस्याएं, जैसे अतिसक्रिय मूत्राशय या कमजोर मूत्राशय, मूत्राशय को पूरी तरह से खाली करना मुश्किल बना सकता है।

मूत्र पथ के संक्रमण: यूटीआई यानि मूत्र पथ के संक्रमण से मूत्राशय और मूत्रमार्ग में सूजन हो सकती है, जिससे पेशाब करना मुश्किल हो सकता है।

दवाएँ: कुछ दवाएँ, जैसे मूत्रवर्धक और एंटीकोलिनर्जिक्स, दुष्प्रभाव के रूप में मूत्र प्रतिधारण का कारण बन सकती हैं।

गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान, बढ़ता गर्भाशय मूत्राशय पर दबाव डाल सकता है और इसे पूरी तरह से खाली करना मुश्किल बना सकता है।

अन्य चिकित्सीय स्थितियाँ: अन्य चिकित्सीय स्थितियाँ, जैसे मधुमेह, मल्टीपल स्केलेरोसिस और पार्किंसंस रोग भी मूत्र प्रतिधारण का कारण बन सकती हैं।

पेशाब न आने पर घरेलू उपचार और नुस्खे (Home Remedies)

अगर देखा जाए, तो कम पानी पीने या उल्टी-दस्त वगैरह की वजह से शरीर में पानी की मात्रा कम होने पर, पेशाब में रुकावट आना एक सामान्य समस्या है। लेकिन कई लोगों में यह समस्या गंभीर बीमारी की वजह भी बन सकती है, जिनके बारे में ऊपर बताया गया है। पेशाब न आने पर घरेलू उपचार मौजूद जरूर हैं, लेकिन यदि किसी व्यक्ति को खास बीमारी की वजह से पेशाब में रुकावट आ रही है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। 

पेशाब रुक रुक कर आना घरेलू उपाय कई बार कारगर होते हैं। पेशाब रुकने का घरेलू इलाज में ठंडी तासीर वाली चीजें अपने भोजन में शामिल करने की सलाह दी जाती है। हालांकि, घरेलू नुस्खे वैज्ञानिक या चिकित्सकीय रूप से प्रमाणित नहीं हैं। 

(याद रखें कि पेशाब न आने पर घरेलू उपचार या नुस्खे किसी तरह का प्रमाणिक इलाज नहीं होते हैं। अगर आप पहले ही किसी बीमारी से जूझ रहे हैं या इसके लिए दवाएं ले रहे हैंतो इन घरेलू उपचारों को आज़माने से पहले अपने डॉक्टर की राय ज़रूर लें। साथ हीअगर इन घरेलू नुस्खों को आज़माने से लक्षण बिगड़ते हुए महसूस होंतो इन नुस्खों को आज़माना तुरंत बंद करें और फौरन किसी डॉक्टर को दिखाएं।)

पेशाब न आने/ पेशाब रुक-रुक कर आने के घरेलू उपचार में निम्न चीजें शामिल हैं:

चंदन का शरबत: आप सफेद या लाल चंदन का शरबत पी सकते हैं। चंदन को पीसकर उसे पानी में मिलाकर शरबत तैयार किया जा सकता है। 

छोटी इलायची: पेशाब में रुकावट की समस्या दूर करने के लिए छोटी इलायची रामबाण मानी जाती है। छोटी इलायची को रात भर पानी में भिगने दें। फिर सुबह इसका पानी पी लें। इसके अलावा चाय में भी इसका सेवन कर सकते हैं।

नारियल पानी: कहा जाता है कि नारियल का पानी या डाब भी पेशाब नहीं आने की समस्या को काफी हद तक दूर कर सकता है। नारियल का पानी शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता है। नारियल पानी के फायदे भी कई हैं। यह शरीर की गंदगी निकालने में भी कारगर है। इससे दूसरे पोषक तत्व भी मिलते हैं।

खस का शरबत: रुक-रुक कर पेशाब आने या जलन की समस्या बहुत ज्यादा गर्मी से भी होती है। इस स्थिति में खस का शरबत बहुत असरदार माना जाता है। खस का शरबत शरीर को ठंडा रखता है जिससे पेशाब अच्छी तरह आ सकता है।

पेशाब रुकने का इलाज

पेशाब रुकने का इलाज इसके अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। पेशाब रुक रुक कर आना घरेलू उपाय विकल्पों में शामिल हो सकते हैं:

मूत्राशय प्रशिक्षण: इसमें मूत्र को लंबे समय तक रोकना सीखना शामिल है, जो मूत्राशय की मांसपेशियों को मजबूत करने और मूत्राशय पर नियंत्रण में सुधार करने में मदद कर सकता है।

दोहरी निकासी: इसमें पेशाब करना, कुछ मिनट इंतजार करना और फिर यह सुनिश्चित करने के लिए दोबारा पेशाब करना शामिल है कि मूत्राशय खाली हो चुका है।

दवाएं: आपकी स्थिति का आकलन कर डॉक्टर आपको पेशाब खोलने की दवा दे सकता है। अल्फा ब्लॉकर्स और मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं, मूत्राशय की मांसपेशियों को आराम देने और पेशाब करना आसान बनाने में मदद कर सकती हैं।

सर्जरी: कुछ मामलों में, मूत्र प्रतिधारण के इलाज के लिए सर्जरी आवश्यक हो सकती है। इसमें सिस्टोस्कोपी, मूत्रमार्ग का फैलाव, या मूत्राशय को खाली करने में मदद करने के लिए कैथेटर डालने जैसी प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं।

ऊपर बताए गए उपाय पेशाब रुकने का इलाज करने में कारगर होते हैं।

पेशाब बंद होने पर क्या करना चाहिए

यदि आप पेशाब बंद होने का अनुभव कर रहे हैं और पेशाब करने में असमर्थ हैं, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लेना महत्वपूर्ण है। पेशाब रुक रुक कर आना घरेलू उपाय हमेशा कारगर नहीं होता। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर इलाज न किया जाए तो मूत्र प्रतिधारण संक्रमण और किडनी की क्षति जैसी गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का कारण बन सकता है। एक अच्छा डॉक्टर मूत्राशय को खाली करने और मूत्र प्रतिधारण के लक्षणों को कम करने में मदद करने के लिए उचित उपचार प्रदान करने में सक्षम होगा। इसमें पेशाब खोलने की दवा देना, कैथेटर या अन्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का उपयोग शामिल हो सकता है। सर्वोत्तम संभव परिणाम सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टरी निर्देशों का सावधानीपूर्वक पालन करना महत्वपूर्ण है। 

डॉक्टर से सलाह कब लेनी चाहिए? (When to consult a doctor)

अब आपको बताते हैं कि पेशाब नहीं आने पर डॉक्टर से कब मिलना चाहिए? पेशाब में रुकावट किडनी में खराबी का शुरुआती लक्षण हो सकता है। इसके लक्षणों में ये शामिल हैं:

  • गहरे, सुनहरे रंग का पेशाब आना
  • सुस्ती
  • ब्लड प्रेशर कम होना
  • दिल की धड़कन बढ़ना

अगर मूत्राशय या पेशाब की थैली की मांसपेशियों पर आपका नियंत्रण नहीं रहता है, तो इसके ये लक्षण हो सकते हैं:

  • बार-बार थोड़ा-थोड़ा पेशाब आना
  • पेशाब लगना, लेकिन पेशाब करके संतुष्टि न होना
  • अचानक से पेशाब करने की तेज़ इच्छा होना
  • ठीक से पेशाब न होने की वजह से आपकी रोज़मर्रा की गतिविधियों पर असर पड़ना

इन स्थितियों में डॉक्टर कुछ टेस्ट भी लिख सकते हैं। जैसे:-

  • पेट का अल्ट्रासाउंड (पथरी, प्रोस्टेट बढ़ना, और अन्य चीज़ें देखने के लिए)
  • ब्लड टेस्ट (खून में विषाक्त पदार्थों की मात्रा देखने के लिए)
  • किडनी फंक्शन टेस्ट (किडनी सामान्य है या नहीं यह देखने के लिए)
  • ब्लड काउंट (खून की सामान्य जांच के लिए)
  • पेट का सीटी स्कैन (पेट की सामान्य जांच के लिए)
  • यूरोडायनामिक टेस्ट (मूत्राशय की मांसपेशियों में आए ढीलेपन को मापने के लिए)

मूत्राशय की मांसपेशियों पर नियंत्रण कम होने या प्रोस्ट्रेट संबंधी गड़बड़ी होने पर डॉक्टर से मिलना और उनकी सलाह से उपचार लेना ज़रूरी है।

रुक-रुक पेशाब आने का इलाज कई स्थितियों पर निर्भर करता है। यह जानने के लिए आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अगर शरीर में पानी की कमी है, तो इसे पूरा करने के लिए ड्रिप चढ़ाई जा सकती है। अगर आपकी किडनी में दिक्कत है, तो डायलिसिस किया जाता है। डायलिसिस में शरीर की विषाक्त चीजों को बाहर निकाला जाता है। साथ ही डॉक्टर आपको संतुलित आहार लेने के बारे में भी सलाह दे सकते हैं।

यदि आप पेशाब संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं और पेशाब में रुकावट के कारण रिसाव जैसी समस्याओं के कारण शर्मिंदगी से बचना चाहते है, तो ऐसी समस्याओं का समाधान मौजूद है। ऐडल्ट डायपर ऐसी शर्मिंदगियों से निजात दिलाता है। मार्केट में मौजूद ऐडल्ट डायपर्स में Friends Adult Diapers बेस्ट माना जाता है क्योंकि यह पैन्ट, डायपर के अलग-अलग वेरिएन्ट में उपलब्ध है और 16+ घंटे तक ड्राई रखने में सक्षम है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

मेरा पेशाब अचानक क्यों बंद हो जाता है? (Mera peshab aachanak kyu band ho jata hai?)

प्रोस्टेट थैली में समस्या आने पर पेशाब निकलना कम हो जाता है। अगर शरीर में पानी की कमी है, तब भी यह समस्या हो सकती है। किडनी की समस्या और डायबिटीज से शुगर और कीटोंस बढ़ जाने से भी पेशाब बंद हो सकता है।

यदि किसी को पेशाब में समस्या होतो उन्हें किस तरह के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए? (Yadi kisi ko peshab main samasya ho toh unhe kis tarah ke doctor ko sampark karna chahiye?)

पेशाब में समस्या होने पर आपको मूत्र रोग विशेषज्ञ (यूरोलॉजिस्ट) से संपर्क करना चाहिए। अगर घरेलू उपचार और परहेज़ से फायदा नहीं हो रहा है, तो अच्छे डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए।

पेशाब में होने वाली समस्या को नजरअंदाज करने परक्या हो सकता है? (Peshab main hone wali samasya ko nazarandaz karne par kya ho sakta hai?)

ऐसा बिल्कुल भी न करें। अगर ये पदार्थ बाहर नहीं निकलेंगे, तो आपको गुर्दे में पथरी जैसी ज्यादा जटिल समस्याएं हो सकती हैं। पेशाब शरीर से कई विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। पेशाब की समस्या को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।     

पेशाब में समस्या से बचाव के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? (Peshab main samasya se bachane ke liye kya savdhaniyan baratani chahiye?)

रुक-रुक पेशाब आने की समस्या होने पर ये करें:

  • पानी, जूस और तरल पदार्थ पिएं ताकि शरीर में पानी की कमी होने पर उसे ठीक किया जा सके।
  • पेशाब करते समय अपने मूत्राशय को पूरी तरह खाली करने की कोशिश करें।
  • समस्या जारी रहने या ऊपर लेख में बताए गए अन्य लक्षण दिखने पर, जैसे कि बार-बार पेशाब लगना, पेशाब करके संतुष्टि न होना या अचानक पेशाब करने की तेज़ इच्छा होने पर, तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

पेशाब खुलकर आने के लिए क्या खाना चाहिए? (Peshab khulkar aane ke liye kya khana chahiye?)

पेशाब की समस्या से निपटने के लिए आप ज्यादा मात्रा में पानी पीएं। शरीर को ठंडा रखने के लिए ठंडी तासीर वाली चीजें खाएं। इनमें नारियल पानी, इलायची, खस का शरबत, चंदन का शरबत वगैरह शामिल हैं। हालाँकि ये प्रमाणिक समाधान नहीं हैं. प्रमाणिक उपचार के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

बार बार पेशाब आने की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा कौन सी है?

ऐसी कई आयुर्वेदिक दवाएं हैं जो बार-बार पेशाब आने का इलाज करने में मदद कर सकती हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • अश्वगंधा: यह जड़ी बूटी सूजन और चिंता को कम करने की क्षमता के लिए जानी जाती है, जो मूत्र आवृत्ति को कम करने में मदद कर सकती है।
  • शतावरी: यह जड़ी बूटी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है और हार्मोन को संतुलित करने में मदद कर सकती है, जिससे बार-बार पेशाब आने की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • गोक्षुरा: यह जड़ी बूटी अपने मूत्रवर्धक गुणों के लिए जानी जाती है और मूत्र उत्पादन को बढ़ाकर मूत्र आवृत्ति को कम करने में मदद कर सकती है।

हालाँकि, कोई भी दवा लेने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से बात करना महत्वपूर्ण है।

ज्यादा पेशाब लगने से कौन सी बीमारी होती है?

ज्यादा पेशाब लगना कई बीमारियों का लक्षण हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • मधुमेह (डायबिटीज): उच्च रक्त शर्करा का स्तर बार-बार पेशाब आने का कारण बन सकता है, क्योंकि शरीर गुर्दे के माध्यम से अतिरिक्त ग्लूकोज को बाहर निकालने की कोशिश करता है।
  • मूत्र पथ में संक्रमण: मूत्र पथ में जीवाणु संक्रमण के कारण बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है, क्योंकि शरीर बैक्टीरिया को बाहर निकालने की कोशिश करता है।
  • अतिसक्रिय मूत्राशय: इस स्थिति के कारण मूत्राशय की मांसपेशियां बहुत अधिक सिकुड़ जाती हैं, जिससे बार-बार पेशाब आने लगता है।
  • प्रोस्टेट की समस्या: प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने से मूत्राशय पर दबाव पड़ सकता है, जिससे बार-बार पेशाब आना शुरू हो जाता है।