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Nobel Hygiene

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कभी ऐसा हुआ है कि पेशाब करने के बाद भी कुछ बूंदें निकल जाती हैं? आपने शायद सोचा हो,  “शायद उम्र का असर है” या “कोई बड़ी बात नहीं।” लेकिन अंदर कहीं एक झिझक, एक शर्म छिपी रहती है।

सच्चाई यह है कि पेशाब करने के बाद बूंद बूंद पेशाब आना बहुत आम है, और इसमें शर्म की कोई बात नहीं है। यह शरीर का एक संकेत है कि कुछ बदल रहा है, और आपको बस थोड़ा ध्यान देने की ज़रूरत है।

हम समझते हैं कि यह समस्या सिर्फ शारीरिक नहीं होती। इसके साथ असहजता, डर और आत्मविश्वास में कमी भी महसूस होती है। लेकिन आप अकेले नहीं हैं, और सही देखभाल के साथ यह स्थिति बेहतर हो सकती है।

मुख्य कारण

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मुख्य कारण

कारण

संक्षिप्त विवरण

पेल्विक फ्लोर की कमजोरी

मांसपेशियाँ कमजोर → पेशाब पूरी तरह नहीं निकलता

प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ना (पुरुषों में)

मूत्राशय पूरी तरह खाली नहीं होता

संक्रमण / सूजन

UTI या ब्लैडर इन्फेक्शन से जलन और कमजोरी

नसों की कमजोरी

डायबिटीज, पार्किंसन या स्पाइनल इंजरी प्रभावित करती हैं

दवाओं के साइड इफेक्ट

ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन मेडिसिन मूत्राशय कार्य प्रभावित

पेशाब करने के बाद बूंद बूंद पेशाब आना कई कारणों से हो सकता है। हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, लेकिन कुछ सामान्य वजह हैं जिन्हें समझना ज़रूरी है।

1. पेल्विक फ्लोर की कमजोरी

उम्र बढ़ने, बार-बार पेशाब रोकने या सर्जरी के बाद पेल्विक मांसपेशियां ढीली पड़ सकती हैं। यही मांसपेशियां मूत्राशय को नियंत्रित करती हैं। जब ये कमजोर होती हैं, तो पेशाब पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाता और बाद में कुछ बूंदें टपकती हैं।

2. प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना (पुरुषों में)

अगर आप पुरुष हैं और ruk ruk kar peshab aana in male जैसी समस्या भी महसूस कर रहे हैं, तो यह प्रोस्टेट बढ़ने का संकेत हो सकता है। इससे मूत्राशय पूरी तरह खाली नहीं होता, और पेशाब करने के बाद भी थोड़ी मात्रा में पेशाब रह जाता है।

3. संक्रमण या सूजन

कभी-कभी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) या ब्लैडर इंफेक्शन भी ऐसी परेशानी का कारण बन सकता है। इससे पेशाब करते समय जलन, बार-बार पेशाब लगना या पेशाब करने के बाद कमजोरी आना जैसी थकान भी महसूस होती है।

4. नसों की कमजोरी

डायबिटीज, पार्किंसन जैसी बीमारियां या स्पाइनल इंजरी भी मूत्राशय की नसों को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे मूत्र नियंत्रण मुश्किल हो जाता है।

5. दवाओं के साइड इफेक्ट

कुछ दवाइयाँ जैसे ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन की मेडिसिन भी मूत्राशय की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती हैं।

घरेलू उपाय और देखभाल

अच्छी बात यह है कि इस स्थिति में छोटे-छोटे बदलाव बहुत राहत दे सकते हैं।

1. पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज़ (Kegel Exercises)

हर दिन कुछ मिनट के लिए इन एक्सरसाइज़ से पेल्विक मांसपेशियां मजबूत होती हैं। धीरे-धीरे आप महसूस करेंगे कि पेशाब रोकने की क्षमता बेहतर हो रही है और पेशाब करने के बाद भी पेशाब आना कैसे बंद करें, इसका जवाब यही बन सकता है।

2. पेशाब रोकने की आदत छोड़ें

बहुत देर तक पेशाब रोकना मूत्राशय पर दबाव डालता है। कोशिश करें कि हर 3–4 घंटे में टॉयलेट जाएं, चाहे ज़रूरत लगे या नहीं।

3. कैफीन और अल्कोहल से दूरी

चाय, कॉफी और शराब मूत्राशय को उत्तेजित करती हैं। इनका सेवन कम करने से पेशाब करने के बाद बूंद बूंद पेशाब आना की समस्या में सुधार देखा जा सकता है।

4. पानी का सही संतुलन रखें

कई लोग सोचते हैं कि पानी कम पीने से समस्या कम होगी, लेकिन ऐसा नहीं है। पानी कम पीने से यूरिन गाढ़ा होता है और इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है। बस इतना ध्यान रखें कि एक बार में बहुत ज़्यादा न पीएं,  दिनभर में बराबर मात्रा में लें।

5. पेशाब करने के बाद थोड़ा इंतज़ार करें

कभी-कभी ब्लैडर पूरी तरह खाली नहीं होता। पेशाब करने के बाद कुछ सेकंड रुकें, हल्का झुकें या ब्लैडर को हल्के से दबाएं, इससे बची हुई बूंदें भी निकल जाएंगी।

6. सही प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें

अगर बूंद-बूंद टपकने से कपड़े गीले हो जाते हैं या असहजता होती है, तो Friends Adult Diapers या लाइट इनकॉन्टिनेंस पैड्स बहुत मददगार हो सकते हैं। वे आपको आत्मविश्वास देते हैं और आपकी  दिनभर की गतिविधियों में कोई रुकावट नहीं आने देते।

दिनभर की सुरक्षा और सूखापन के लिए आप Friends Premium Adult Dry Pants चुन सकते हैं,  ये हल्की, आरामदायक और बाहर जाने पर भी आत्मविश्वास बनाए रखने में मदद करती हैं। और रात में, लंबी नींद और पूरी सुरक्षा के लिए Friends Overnight Diaper Pants का इस्तेमाल करें, ताकि नींद बीच में रुकने की चिंता न रहे।

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कब डॉक्टर से संपर्क करें

अगर यह स्थिति बार-बार हो रही है, या इसके साथ दर्द, जलन या पेशाब करने के बाद कमजोरी आना जैसी थकान महसूस हो रही है, तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें। कभी-कभी यह किसी छिपी हुई मेडिकल कंडीशन का संकेत भी हो सकता है।

विशेषज्ञ आपकी जांच करके बता सकते हैं कि पेशाब करने के बाद बूंद बूंद पेशाब आना किसी दवा, इंफेक्शन या मांसपेशियों की कमजोरी से जुड़ा है या नहीं। जितनी जल्दी कारण पता चलेगा, उतनी जल्दी इलाज शुरू हो सकता है।

निष्कर्ष

आपका शरीर बदल रहा है, और उसमें कोई शर्म की बात नहीं। पेशाब करने के बाद बूंद बूंद पेशाब आना जैसी परेशानी का मतलब यह नहीं कि आप कमजोर हैं, बस यह संकेत है कि शरीर को थोड़ा ध्यान, सही व्यायाम और देखभाल की ज़रूरत है।

अगर यह स्थिति आपके आत्मविश्वास को प्रभावित कर रही है, तो याद रखें, Friends Diapers हमेशा आपके साथ है। हम समझते हैं कि ऐसे समय में आपको सिर्फ एक प्रोडक्ट नहीं, बल्कि एक साथी चाहिए जो आपकी गरिमा, आराम और आत्मविश्वास बनाए रखे।

क्योंकि आराम सिर्फ शरीर का नहीं, मन का भी ज़रूरी है, और Friends के साथ, दोनों का ध्यान रखा जाता है। 


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प्रायः पूछे जाने वाले सवाल

1. पेशाब करने के बाद पेशाब में बूंद-बूंद क्यों आती हैं?

यह आमतौर पर पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों की कमजोरी, प्रोस्टेट बढ़ने, या मूत्राशय पूरी तरह खाली न होने की वजह से होता है।

2. पेशाब करने के बाद पेशाब की बूंदों को कैसे रोकें?

Kegel एक्सरसाइज़ करें, पेशाब रोकने की आदत छोड़ें और पर्याप्त पानी पिएं। अगर स्थिति बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लें।

3. पेशाब करने के बाद फिर पेशाब आने का क्या कारण है?

यह तब होता है जब मूत्राशय में थोड़ी मात्रा में यूरिन बच जाती है। पेशाब करने के बाद भी पेशाब आना कैसे बंद करें, इसके लिए पेशाब करते समय थोड़ा झुकें या दो बार पेशाब करने की आदत डालें।

4. पेशाब टपकने का इलाज कैसे करें?

इलाज कारण पर निर्भर करता है। फिजियोथेरेपी, एक्सरसाइज़ या कुछ मामलों में दवाइयाँ मददगार होती हैं।

5. यूरिन लीकेज को कैसे ठीक करें?

शुरुआत में घरेलू उपाय करें, लेकिन अगर सुधार नहीं दिखे, तो यूरोलॉजिस्ट या फिजियोथेरेपिस्ट से संपर्क करें।

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