मूत्र असंयमिता एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लगता है कि मूत्राशय खाली नहीं हो रहा है और पेशाब करने की इच्छा होती है। इस स्थिति में मरीज समय पर बाथरूम नहीं पहुंच पाने के कारण कपड़ों में ही पेशाब कर देता है। ऐसा तब होता है, जब व्यक्ति के यूरिनरी सिस्टम में ब्लॉकेज या कोई दूसरी समस्या हो जाती है। पेशाब के दौरान प्रोस्टेट में दर्द बढ़े हुए प्रोस्टेट का एक सामान्य लक्षण है।
प्रोस्टेट का हिंदी अर्थ (Prostate Meaning In Hindi)
“पौरुष ग्रंथि” है। यह एक छोटी ग्रंथि है जो केवल पुरुषों में ही होती है। यह मूत्राशय (ब्लाडर) के नीचे और मूत्रमार्ग (यूरेथरा) के आसपास स्थित होती है। प्रोस्टेट ग्रंथि का कार्य है एक दूधिया तरल पदार्थ बनाना, जो वीर्य (सीमेन) का एक अंश होता है और शुक्राणुओं (स्पर्म) के लिए भोजन के रूप में काम करता है। मूत्र असंयमिता प्रोस्टेट से जुड़ी एक बड़ी समस्या है।
प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है? (Prostate Kyu Badhta Hai)
प्रोस्टेट बढ़ने का कोई विशिष्ट कारण अभी तक ज्ञात नहीं है, मगर उम्र के साथ इसका बढ़ना सामान्य है। आम तौर पर, प्रोस्टेट ग्रंथि विकास के दो मुख्य चरणों से गुजरती है:
प्यूबर्टी (यौवन) के दौरान: यौवन के दौरान टेस्टोस्टेरोन के स्तर में वृद्धि से प्रोस्टेट ग्रंथि उत्तेजित होती है। इससे ग्रंथि का आकार और वजन बढ़ने लगता है। एक वयस्क पुरुष में प्रोस्टेट ग्रंथि का औसत वजन लगभग 20 ग्राम होता है।
बाद के जीवन में: युवावस्था के बाद, प्रोस्टेट ग्रंथि पूरे वयस्कता में धीरे-धीरे बढ़ती रहती है। हालाँकि, प्रोस्टेट ग्रंथि में एक और महत्वपूर्ण वृद्धि होती है जो 30 साल की उम्र के आसपास शुरू होती है और बुढ़ापे तक जारी रहती है। ऐसा माना जाता है कि यह हार्मोन के स्तर में बदलाव और उम्र बढ़ने सहित कारकों के संयोजन के कारण होता है।
प्रोस्टेट बढ़ने से क्या दिक्कत होती है?
प्रोस्टेट बढ़ने से सबसे पहले पेशाब संबंधी समस्याएं उभरती हैं। पेशाब करना मुश्किल हो सकता है। इससे बार-बार पेशाब आना, पेशाब शुरू करने में परेशानी होना या पेशाब की धारा कमजोर होना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए तो बढ़ा हुआ प्रोस्टेट मूत्राशय (ब्लाडर) और गुर्दे (किडनी) में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।
प्रोस्टेट बढ़ना या बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया क्या है?
प्रोस्टेट ग्रंथि में दूसरी बार वृद्धि से बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच) नामक स्थिति हो सकती है, जिसे सामान्य भाषा में प्रोस्टेट बढ़ना भी कहा जाता है। बीपीएच एक गैर-कैंसरयुक्त स्थिति है जिसमें प्रोस्टेट ग्रंथि सामान्य से बड़ी हो जाती है। बीपीएच 50 से अधिक उम्र के पुरुषों में बहुत आम है।
बीपीएच से धीरे-धीरे अधिक उम्र वाले पुरुषों के मूत्राशय का कार्य प्रभावित होता है और बदलाव शुरू होने लगता है। प्रोस्टेट में दर्द पुरुषों में एक बहुत ही आम समस्या है।
पौरुष ग्रंथि में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होने से प्रोस्टेट कैंसर हो सकता है। प्रोस्टेट कैंसर का इलाज या तो सर्जरी के जरिए ग्रंथि को हटाकर या विकिरण के माध्यम से घातक कोशिकाओं को नष्ट करके किया जा सकता है। विकिरण मूत्राशय की क्षमता को कम कर देता है और ऐंठन का कारण बनता है, जिससे मूत्र का रिसाव हो जाता है। सर्जरी उन नसों को नुकसान पहुंचा सकती है, जो मूत्राशय के कार्य को नियंत्रित करने में मदद करती है। इस प्रकार उपचार के दोनों तरीकों में मूत्राशय के कामकाज में दिक्कत आने की आशंका बनी रहती है, जिससे मूत्र असंयम होता है।
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मूत्र असंयमिता और प्रोस्टेट
किडनी में मूत्र का उत्पादन होता है और फिर मूत्राशय नामक मस्क्युलर थैली में जमा हो जाता है और मूत्रमार्ग नामक एक ट्यूब द्वारा शरीर से निकाला जाता है। मूत्र असंयम तब हो सकता है जब मूत्राशय की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त या कमजोर हो जाती हैं या अगर कोई चीज मूत्रमार्ग के रास्ते को अवरुद्ध कर रही हो, तब भी ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है। पुरुषों में पौरुष ग्रंथि मूत्राशय के सिरे पर स्थित एक अखरोट के आकार की ग्रंथि होती है। बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्रमार्ग को बाधित कर सकती है, जिससे पेशाब या मूत्र प्रतिधारण में समस्या हो सकती है। मूत्र प्रतिधारण तब होता है, जब कोई व्यक्ति पेशाब नहीं कर पाता और उसे ऐसा करने की जरूरत होती है। इस तरह पौरुष ग्रंथि में समस्या आती है या फिर इसका उपचार पुरुषों में मूत्र असंयम का एक प्रमुख कारण बनता है।
मूत्राशय की अवधारण क्षमता (ब्लैडर रिटेंशन, यानी वो स्थिति जब पेशाब करने के बाद भी मूत्राशय खाली ना हो) कमजोर होने के कारण पेशाब करने की इच्छा बार-बार होती है। बाथरूम पहुंचने से पहले पेशाब को रोकने में असमर्थ होने के कारण उसका छोटा हिस्सा कपड़ों में ही निकल जाता है, जिससे वो भीग सकते हैं। हालात तब ज्यादा खराब हो जाते हैं, जब एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति पर निर्भर हो जाता है। कुछ लोगों के कपड़ों में खांसते, छींकते या हंसते समय पेशाब निकल जाता है, जबकि अन्य को गंभीर रिसाव का अनुभव हो सकता है। मूत्र असंयम एक मरीज के जीवन की गुणवत्ता को काफी खराब कर सकता है। मरीज लंबे समय तक एक जगह पर बैठ नहीं पाता या किसी बाहरी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाता है। वो सार्वजनिक स्थान पर भी, किसी ना किसी तरह रिसाव से बचने के लिए बाथरूम ढूंढने के तरीकों की तलाश में रहता है।
कुछ पुरुषों में प्रेस्क्रिप्शन (दवाईयां) या फिर मूत्रवर्धक, अवसादरोधी, सीडेटिव, ओपिओइड जैसी दवाएं लक्षणों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिए अधिकांश डॉक्टर विशेष रूप से पुरुषों में असंयम को मैनेज करने के लिए डिजाइन किए गए उन प्रोडक्ट्स को अपनाने का सुझाव देते हैं, जो कपड़ों में निकलने वाले पेशाब को सोख लेते हैं। कंडोम कैथेटर या पेनाइल क्लैंप जैसे मूत्र संग्रह उपकरण पुरुषों को अधिक असहज महसूस करा सकते हैं। पुरुषों के लिए एडल्ट डायपर असंयम की समस्या के लिए एक उपयुक्त समाधान है। ये एडल्ट डायपर लंबे समय तक मूत्र के प्रवाह को अवशोषित करने के लिए डिजाइन किए गए हैं, जिससे पुरुषों को आराम मिलता है और उन्हें समय-समय पर बाथरूम जाने से राहत मिलती है।
लेकिन अगर फिर भी आपको परेशानी का सामना करना पड़ता है तो आपको सचेत हो जाना चाहिए। प्रोस्टेट दर्द का शुरुआती इलाज चालू करने के लिए आपको प्रोस्टेट इन्फेक्शन के लक्षण के बारे में पता कर लीजिये।
और पढ़ें: मूत्र असंयमिता की समस्या
प्रोस्टेट इन्फेक्शन के लक्षण
प्रोस्टेट इन्फेक्शन के कई लक्षण होते हैं, जिन्हें मूत्र संबंधी लक्षण और अन्य सामान्य लक्षणों में वर्गीकृत किया जा सकता है। प्रोस्टेट इन्फेक्शन के सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं:
मूत्र संबंधी लक्षण:
- बार-बार पेशाब आना, विशेषकर रात में
- पेशाब करने की तत्काल आवश्यकता
- पेशाब करने में कठिनाई, जैसे मूत्र की कमज़ोर धारा, या मूत्र टपकना
- दर्दनाक पेशाब (डिसुरिया)
- पेशाब के दौरान जलन होना
- बादलयुक्त या खूनी मूत्र
अन्य लक्षण:
- पेरिनेम में दर्द (अंडकोश और मलाशय के बीच का क्षेत्र)
- पीठ के निचले हिस्से, कमर या पेट में दर्द
- दर्दनाक स्खलन
- बुखार और ठंड लगना
- थकान
- मांसपेशियों में दर्द
यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना महत्वपूर्ण है। प्रोस्टेट संक्रमण एक गंभीर स्थिति हो सकती है, और जटिलताओं को रोकने के लिए शीघ्र उपचार महत्वपूर्ण है।
वयस्कों के लिए बने पैंट-स्टाइल के डायपर को उनके कपड़ों के नीचे पहना जा सकता है ताकि उनके कपड़ों को गीला होने से पूरी सुरक्षा मिल सके। प्रोस्टेट सर्जरी के बाद यह विशेष रूप से उपयोगी होता है, जिसके कारण मरीज को बिस्तर पर आराम करने की सलाह दी जाती है। वयस्कों के लिए हाइपोएलर्जेनिक पैंट-स्टाइल डायपर को नियमित अंडरवियर की तरह पहना और जल्दी से बदला जा सकता है। यह पुरुषों के लिए उनकी सर्जरी के बाद तेजी से ठीक होने में मदद करते हैं। साथ ही उन्हें बार-बार बाथरूम जाने के लिए उठना भी नहीं पड़ता है। एडल्ट डायपर विभिन्न साइज और प्रकार में आते हैं। प्रत्येक को पुरुषों में प्रवाह की तीव्रता और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। एडल्ट डायपर की कीमत और उनकी उपलब्धता उन्हें एक बढ़िया विकल्प बनाती है।
कुछ मामलों में प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं के उपचार के दौरान असंयम कुछ समय के बाद दूर हो सकता है। हालांकि बुजुर्गों को ठीक होने में अधिक समय लगता है और उन्हें असंयम की समस्याओं से जूझना पड़ता है क्योंकि उम्र के साथ मूत्राशय की मांसपेशियां विफल होने लगती हैं। यह मधुमेह, रक्तचाप, गुर्दे के फेल होने जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ मूत्र असंयम की संभावना को बढ़ा सकता है। जीवनशैली में कुछ बदलाव करने से कुछ हद तक असंयम की समस्याओं से निपटने में मदद मिल सकती है।
यह भी पढ़ें – प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण
पौरुष ग्रंथि बढ़ने का परीक्षण
पौरुष ग्रंथि बढ़ने का परीक्षण करने के लिए प्रमुख रूप से निम्न विधियों का उपयोग किया जाता है:
प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (पीएसए) परीक्षण: यह एक रक्त परीक्षण है जो रक्त में प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (पीएसए) के स्तर को मापता है। पीएसए एक प्रोटीन है जो प्रोस्टेट ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है। पीएसए का उच्च स्तर प्रोस्टेट कैंसर, सौम्य प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच), या प्रोस्टेटाइटिस का संकेत हो सकता है।
प्रोस्टेट-अल्ट्रासाउंड: यह एक अल्ट्रासाउंड परीक्षा है जो प्रोस्टेट ग्रंथि के इमेज दिखाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करती है। यह परीक्षण प्रोस्टेट ग्रंथि के आकार और विस्तार का मूल्यांकन करने में मदद कर सकता है।
प्रोस्टेट बायोप्सी: यह एक प्रक्रिया है जिसमें प्रोस्टेट ग्रंथि से टिशू (ऊतक) के एक छोटे से नमूने को लेकर माइक्रोस्कोप से यह जांचा जाता है कि कैंसर के कोई लक्षण तो नहीं। ध्यान रहे कि प्रोस्टेट बायोप्सी एक इनवेसिव प्रक्रिया है जिसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
यदि आपमें पौरुष ग्रंथि बढ़ने के लक्षण हैं तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए। डॉक्टर आपके लक्षणों का मूल्यांकन करने और सही निदान करने में मदद कर सकता है।
क्या बढ़ा हुए प्रोस्टेट अपने आप ठीक हो जाता है?
नहीं, बढ़ा हुआ प्रोस्टेट अपने आप ठीक नहीं होगा। हालाँकि, इसके लक्षणों में समय के साथ सुधार हो सकता है। उचित खानपान और व्यायाम से सकारात्मक परिवर्तन दिख सकते हैं। जीवनशैली में बदलाव, जैसे वजन कम करना, कैफीन और शराब से परहेज करना और मूत्राशय को नियमित रूप से खाली करना भी बीपीएच के लक्षणों में सुधार करने में मदद कर सकता है।
यह भी पढ़ें - प्रोस्टेट में क्या नहीं खाना चाहिए
प्रोस्टेट बढ़ने से कैसे रोकें?
प्रोस्टेट बढ़ने से रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है, लेकिन आपको कुछ जरूरी सावधानियाँ जरूर बरतनी चाहिए:
- नियमित व्यायाम करें। व्यायाम रक्त प्रवाह में सुधार करता है और यह प्रोस्टेट ग्रंथि के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है।
- फाइबर युक्त आहार खाएं क्योंकि फाइबर मूत्राशय को खाली करने में मदद कर सकता है।
- साफ-सफाई का ध्यान रखें और नियमित रूप से अपने जननांगों की सफाई करें।
- नियमित रूप से प्रोस्टेट परीक्षण करवाएं ताकि प्रोस्टेट संबंधी किसी भी समस्या का जल्दी से पता चल सके।
- 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को हर साल प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (पीएसए) परीक्षण करवाना चाहिए।
प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए उपाय
नियमित चेकअप: प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए नियमित चेकअप करवाना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर की सलाह और स्क्रीनिंग टेस्ट के माध्यम से प्रोस्टेट समस्याओं को पहले ही पकड़ा जा सकता है।
स्वस्थ आहार: प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना आवश्यक है। अनाज, फल, सब्जियां, हरे पत्ते, नट्स, और बेरीज जैसे प्रोस्टेट के लिए उपयोगी आहार शामिल करें।
नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम करना प्रोस्टेट स्वास्थ्य को सुधारने में मददगार साबित हो सकता है। योग, प्राणायाम, ध्यान, और वाक्यांशिक व्यायाम आपकी प्रोस्टेट सेहत को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
तंबाकू और मादक पेय का परिहार: तंबाकू का सेवन और मादक पेय की मात्रा कम करना प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है। यह इंफ्लामेशन को कम करने और स्वस्थ प्रोस्टेट को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
स्ट्रेस कम करें: अधिक स्ट्रेस प्रोस्टेट स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। योग, मेडिटेशन, और विभिन्न राहत तकनीकें स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकती हैं।
प्रोस्टेट स्वास्थ्य आपके आम जीवन में अहम भूमिका निभाता है। इसकी सुरक्षा और संरक्षण के लिए उपरोक्त उपायों को अपनाना अत्यंत आवश्यक है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions - FAQs)
प्रोस्टेट में क्या परहेज करें?
प्रोस्टेट के स्वास्थ्य के लिए, निम्नलिखित परहेज करने की सलाह दी जाती है:
- सतत व्यायाम करें।
- स्वस्थ आहार लें, जिसमें पूरे अनाज, फल, सब्जियां, हरे पत्ते, और पौष्टिक तेल शामिल हों।
- पर्याप्त पानी पिएं और कॉफी, शराब, और मीठे पेय की मात्रा कम करें।
- सूखे फल, द्रवित फल, और अनार का रस पीने से लाभ हो सकता है।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें और मोटापा से बचें।
- तंबाकू का सेवन कम करें या पूरी तरह बंद करें।
- नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह और चेकअप करवाएं।
- प्रोस्टेट की ग्रोथ को रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
- प्रोस्टेट की ग्रोथ को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उचित हो सकते हैं:
- एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, जिसमें नियमित व्यायाम और सही आहार शामिल हों।
- नियमित रूप से प्रोस्टेट स्क्रीनिंग कराएं।
- तंबाकू का सेवन बंद करें और मादक पेय पर हद तक कंट्रोल रखें।
- जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें और नियमित चेकअप करवाएं।
प्रोस्टेट समस्याओं का पहला लक्षण क्या है?
प्रोस्टेट समस्याओं के पहले लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- पेशाब करने में समस्या, जैसे कि पेशाब के दौरान दर्द या अस्वाभाविक बार-बार पेशाब करने की इच्छा।
- मूत्र संबंधी समस्याएं, जैसे कि मूत्र का कम आना, शांत या अव्यवस्थित मूत्र धारण करने की इच्छा, या मूत्र में रक्त की या सफेदता की गाढ़ी गोलियों के उपस्थिति।
- प्रोस्टेट से संबंधित दर्द, जैसे कि पीठ, बांझपन, या गुदा क्षेत्र में दर्द।
- यौन संबंधित समस्याएं, जैसे कि यौन इच्छा में कमी या फिर यौन संबंधों के दौरान दर्द।
क्या दौड़ने से प्रोस्टेट कम होता है?
नहीं, दौड़ने से प्रोस्टेट का आकार कम नहीं होता है। प्रोस्टेट का आकार और स्वास्थ्य विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि उम्र, आनुवंशिकता, और आहार। व्यायाम आपके शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है, लेकिन यह प्रोस्टेट के आकार पर सीधा प्रभाव नहीं डालता है।
क्या बढ़ा हुआ प्रोस्टेट मूत्राशय पर दबाव डाल सकता है?
हां, एक बढ़ा हुआ प्रोस्टेट मूत्राशय पर दबाव डाल सकता है। प्रोस्टेट उम्र के साथ बढ़ता है और इसके परिणामस्वरूप मूत्राशय पर भी दबाव पड़ता है। यह मूत्र के प्रवाह और पेशाब करने में समस्या पैदा कर सकता है।
क्या प्रोस्टेटाइटिस ठीक हो सकता है?
जी हाँ बिलकुल, प्रोस्टेटाइटिस ठीक हो सकता है! प्रोस्टेटाइटिस एक प्रोस्टेट की संक्रमण है और इसे अगर सही तरीके से पहचाना और उपचार किया जाए, तो इसका इलाज संभव है। इलाज आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले दवाओं, एंटीबायोटिक्स, और गर्मी के प्रयोग से होता है। यदि प्रोस्टेटाइटिस के लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर की सलाह और उपचार के लिए जल्दी से जाना चाहिए।
प्रोस्टेट की बीमारी में कौन-सा फल खाना चाहिए?
प्रोस्टेट की बीमारी में निम्नलिखित फल खाने की सलाह दी जाती है:
टमाटर: टमाटर लायकोपीन नामक एक पौष्टिक यौगिक का स्रोत होते हैं, जिसे प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है।
बेरी: स्ट्रॉबेरी, रसभरी, और ब्लूबेरी जैसे बेरीज एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन सी का अच्छा स्रोत होते हैं, जो प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
नट्स: अखरोट, काजू, और बादाम जैसे नट्स ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, विटामिन ई, और सेलेनियम का अच्छा स्रोत होते हैं, जो प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
ताजगी वाले फल: सेब, संतरा, और आम जैसे ताजगी वाले फल विटामिन सी और फाइबर का अच्छा स्रोत होते हैं और प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
क्या प्रोस्टेटाइटिस अपने आप दूर हो जाएगा?
प्रोस्टेटाइटिस अपने आप दूर होने की संभावना हो सकती है, लेकिन यह निर्भर करता है कि कैसे और कितनी गंभीरता से रोग का उपचार किया जाता है। अगर प्रोस्टेटाइटिस का कारण संक्रमण है, तो उचित उपचार, जैसे कि एंटीबायोटिक्स की दवाओं का सेवन, संक्रमण को ठीक कर सकता है और समस्या को हल कर सकता है। इसके अलावा, एक स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम, और आहार में पोषक तत्वों को शामिल करना भी प्रोस्टेटाइटिस के उपचार में मददगार साबित हो सकता है। हालांकि, यह सभी मामलों में डॉक्टर की सलाह और उपचार का पालन करना महत्वपूर्ण है।
प्रोस्टेट बढ़ने की स्थिति में कौन सा ऐडल्ट डाइपर कारगर है?
प्रोस्टेट बढ़ने के बाद लोगों के लिए बार-बार पेशाब करना असामान्य नहीं है। पीड़ित लोग अक्सर सामान्य लोगों की तुलना में अधिक बार पेशाब करते हैं। ऐडल्ट डाइपर इस समस्या का सरल समाधान है। FRIENDS Adult Diaper सुपर-ऐब्सॉर्बन्ट, सुपर सॉफ्ट और 16+ घंटे तक ड्राई रखने में सक्षम हैं।