आपके साथ क्या कभी ऐसा हुआ है, जब छींकते, खांसते, जोर से हंसते या फिर ज्यादा चिंता करने की वजह से हल्का सा यूरिन बाहर आ जाए? महिलाओं में एक उम्र के बाद यह समस्या काफी ज्यादा देखने को मिलती है। खासतौर पर उनमें जिन्होंने नॉर्मल डिलीवरी से बच्चा पैदा किया हो। पेशाब से जुड़ी गतिविधियों का काबू में ना रहने के पीछे का एक कारण मूत्र असंयम होता है, जिसे यूआई और यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस (incontinence) भी कहते हैं। अगर कोई इससे पीड़ित है, तो उसे कम यूरिन लीकेज और बहुत ज्यादा यूरिन लीकेज की समस्या आ सकती है।
यूरिन इनकॉन्टिनेंस क्या है?
जब तक मूत्र प्रणाली यानी यूरिनरी सिस्टम बिना किसी परेशानी के काम करता है, तब आपको पता चल जाएगा कि पेशाब आ रहा है और आप बाथरूम में जाने के बाद इसे करेंगे। इसके साथ ही किसी तरह का रिसाव भी नहीं होगा। लेकिन जब ये मांसपेशियां बिना किसी पूर्व चेतावनी के खराब हो जाती हैं तो मूत्र रिसना शुरू हो सकता है और असंयम का कारण बन सकता है।
यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस या मूत्र असंयम तब होता है (urinary incontinence causes), जब मांसपेशियों की कमजोरी से लेकर गर्भाशय और मूत्राशय, जिसे पेल्विक फ्लोर मसल्स के रूप में जाना जाता है, का सपोर्ट कम होने लगे।
मूत्र असंयम आमतौर पर निरोधात्मक मूत्राशय की मांसपेशियों को नियंत्रित करने या मूत्राशय में मौजूद किसी रुकावट के कारण होता है। इसके पीछे का इतिहास पारिवारिक भी हो सकता है, यानी अगर परिवार में किसी को यह समस्या रही हो, तो आपकी पैल्विक और मूत्रमार्ग की मांसपेशियां बढ़ती उम्र के साथ स्लो हो जाती हैं और आपके मूत्राशय की क्षमता काफी कम हो जाती है। जिसके कारण यह बीमारी हो सकती है।
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मूत्र असंयम कई प्रकार का होता है-
1. स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस
स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस (stress urinary incontinence) यानी तनाव असंयम। यह तब होता है, जब आपके पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों पर अचानक तनाव या दबाव बढ़े और पेशाब का रिसाव हो (incontinence meaning)। तनाव मूत्र असंयम आमतौर पर खांसने, हंसने, छींकने जैसी गतिविधियों के दौरान होता है।
2. अर्ज इनकॉन्टिनेंस
अर्ज इनकॉन्टिनेंस यानी जब तुरंत पेशाब करने जाना पड़े। इस स्थिति में मूत्र प्रणाली बिना किसी चेतावनी के काम करती है, ऐसी स्थिति में पेशाब आने का अहसास अचानक होता है और तुरंत बाथरूम जाने की जरूरत पड़ती है। और कोई रिसाव नहीं होता है। अगर तुरंत बाथरूम ना मिले, तो कपड़ों में पेशाब निकल सकता है या मामूली तौर पर लीक हो सकता है।
3. ओवरफ्लो इनकॉन्टिनेंस
ओवरफ्लो इनकॉन्टिनेंस (overflow incontinence) यानी जब पता भी ना चले और पेशाब निकल जाए। इस स्थिति में असंयम तब होता है जब आपका मूत्राशय पेशाब करने के बाद खुद को पूरी तरह से खाली नहीं कर पाता है और अतिरिक्त मूत्र मूत्राशय में जमा हो जाता है। इसके कारण मूत्र रिटेंशन मूत्राशय को जल्दी से भर देता है, जिसके परिणामस्वरूप लीकेज होता है।
4. फंक्शनल इनकॉन्टिनेंस
फंक्शनल इनकॉन्टिनेंस यानी जब किसी समस्या के कारण बाथरूम ना जा पाओ और पेशाब कपड़ों में ही लीक हो जाए। जब कोई मानसिक, शारीरिक या बोलने की अक्षमता आपको पेशाब करने से रोकती है, तो यह कार्यात्मक असंयम मतलब फंक्शनल इनकॉन्टिनेंस का कारण बनता है। उदाहरण के लिए, डायमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति महसूस होने के बावजूद भूल जाता है कि उसे बाथरूम जाना है। जिसके चलते कपड़ों में ही मूत्र का रिसाव हो सकता है।
5. ट्राजिएंट इनकॉन्टिनेंस
ट्राजिएंट इनकॉन्टिनेंस यानी किसी कारणवश कपड़ों में लीकेज होना। ऐसा अस्थायी तौर पर होता है। ऐसा किसी संक्रमण, सर्जरी, या नई दवा के कारण हो सकता है।
6. मिक्सड इनकॉन्टिनेंस
मूत्र असंयम के मिश्रण को इसमें शामिल किया गया है। यानी जब एक ही व्यक्ति में स्ट्रेस इनकॉन्टिनेंस और अर्ज इनकॉन्टिनेंस साथ में दिखे, तो इसका मतलब है कि वह मिक्सड इनकॉन्टिनेंस से पीड़ित है।
7. टोटल इनकॉन्टिनेंस
एक घातक रीढ़ की हड्डी की चोट या आनुवंशिक बीमारी मूत्राशय में नर्व सिग्नल्स को पूरी तरह से असंयमित बना देती है। इस स्थिति में मूत्राशय मूत्र को जमा करने में विफल रहता है।
इन प्रकारों के बारे में जानने से आपको मूत्र असंयम के इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
मूत्र असंयम किसे होता है?
मूत्र असंयम एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति अपने मूत्र को नियंत्रित नहीं कर पाता और अनजाने में मूत्र निकल जाता है। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन यह विशेष रूप से बुजुर्गों, खासकर महिलाओं में अधिक देखने को मिलती है।
मूत्र असंयम के प्रमुख कारणों में मूत्राशय की मांसपेशियों का कमजोर होना, मूत्रमार्ग में रुकावट, तंत्रिकाओं को नुकसान, या संक्रमण शामिल हैं। उम्र के साथ, मूत्राशय की मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है, जिससे दबाव पड़ने पर मूत्र का निकलना आम हो जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए सही जानकारी और उपचार आवश्यक हैं, ताकि प्रभावित व्यक्ति की जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सके।
इस स्थिति के प्रभावों को समझना और समय पर चिकित्सकीय सलाह लेना बहुत महत्वपूर्ण है।
मूत्र असंयम का निदान कैसे किया जाता है?
मूत्र असंयम के इलाज के बारे में जानकारी लेने से पहले, यह जानना जरूरी है कि इसकी जांच कैसे होती है। जब किसी व्यक्ति को मूत्र असंयम की समस्या होती है, तो डॉक्टर इसके निदान के लिए कई तरह की जांच करते हैं। आइए जानते हैं यूरिन इनकॉन्टिनेंस की जांच कैसे की जाती है:
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यूरिन एनालिसिस:
इस जांच में पेशाब का नमूना लिया जाता है ताकि किसी प्रकार के संक्रमण या अन्य समस्याओं का पता लगाया जा सके। -
ब्लैडर डायरी:
इसमें डॉक्टर मरीज से कहते हैं कि वह यह ट्रैक करें कि दिन में कितनी बार पेशाब आता है और उसकी मात्रा कितनी होती है। -
ब्लैडर स्कैन:
इस जांच में देखा जाता है कि मरीज के पेशाब करने के बाद ब्लैडर में कितना पेशाब बचा है। यह जांच "पेशाब करने के बाद भी पेशाब आना" जैसी समस्या के लिए उपयुक्त है। -
सिस्टोस्कोपी:
इस प्रक्रिया में एक छोटे से कैमरे का उपयोग करके मूत्रमार्ग और मूत्राशय के अंदर के हिस्सों की जांच की जाती है। -
यूरोडायनामिक परीक्षण:
इसमें मूत्राशय की क्षमता, उसकी मांसपेशियों की ताकत और मूत्र प्रवाह का मूल्यांकन किया जाता है।
मूत्र असंयम के 4 कारण क्या हैं-
मूत्र असंयम के 4 कारण:
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यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन
यूरेथ्रा, ब्लैडर या किडनी में इन्फेक्शन के कारण दर्द होता है और बार-बार पेशाब करने की इच्छा भी बढ़ जाती है। ऐसे मामलों में, सही उपचार के लिए यूरिन लीकेज मेडिसिन का उपयोग किया जा सकता है। -
गर्भावस्था
गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय फैलता है और मूत्राशय पर भारी दबाव डालता है, जिससे मूत्र असंयम होता है। इस स्थिति में भी यूरिन लीकेज मेडिसिन मददगार हो सकती है। -
दवाएं
आमतौर पर बड़ी बीमारियों के इलाज में उपयोग की जाने वाली दवाएं मूत्र असंयम का कारण बन सकती हैं। एंटीडिप्रेसेंट, अल्फा ब्लॉक जो रक्तचाप को कम करती हैं, और यहां तक कि नींद की गोलियां भी असंयम के लक्षणों को बढ़ा सकती हैं। इस प्रकार, यदि दवा के कारण असंयम की समस्या हो रही है, तो डॉक्टर से यूरिन लीकेज मेडिसिन के बारे में सलाह लेना महत्वपूर्ण है। -
मोटापा
कमर से कूल्हे तक का मोटापा मूत्राशय की मांसपेशियों सहित पेट के निचले हिस्से के आसपास अतिरिक्त वजन और दबाव बढ़ाता है। इस प्रकार अधिक वजन होना भी असंयम का कारण बनता है। वजन को नियंत्रित करने के साथ-साथ उचित दवाओं का उपयोग, समस्या को कम कर सकता है।
महिलाओं में मूत्राशय नियंत्रण की समस्या का और क्या कारण है?
महिलाओं में मूत्र असंयम (Incontinence) के कई कारण हो सकते है, आइये उन्हें हम विस्तार से जानते हैं।
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प्रेगनेंसी और डिलीवरी
जब आप प्रेगनेंट होती हैं तो उस दौरान आपके ब्लैडर (मूत्राशय) पर ज्यादा दबाव पड़ता है, इसके साथ ही साथ आपके पेल्विक फ्लोर में भी कमज़ोरी आ जाती है, जिस वजह से अनियंत्रित मूत्र की समस्या होती है। -
मेनोपॉज
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिससे मूत्राशय की मांसपेशियाँ कमजोर हो सकती हैं। -
यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन
जब आपके मूत्र मार्ग में संक्रमण होता है तब आपके मूत्राशय पर जोर पड़ता है और आपके मूत्र मार्ग में जलन और संकुचन हो जाता है, जिससे आपको पेशाब का अपने आप आना जैसी समस्या होती है।
पुरुषों में मूत्राशय नियंत्रण की समस्या का और क्या कारण है?
पुरुषों में मूत्र असंयम का मुख्य कारण प्रोस्टेट ग्रंथि से जुड़ी समस्याएँ होती हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
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प्रोस्टेट में बढ़ोतरी
यह परेशानी अक्सर बूढ़े पुरुषों में देखी जाती है। जब आपके प्रोस्टेट की ग्रंथि का आकार बड़ा हो जाता है, तो मूत्र असंयम की समस्या बढ़ जाती है। -
प्रोस्टेट सर्जरी
जब आपको प्रोस्टेट कैंसर या उससे जुड़ी समस्या का निदान सर्जरी से करना पड़ता है तब इसका नकारात्मक प्रभाव आपके मूत्राशय पर पड़ता है। -
तंत्रिका क्षति
कभी-कभी शुगर, स्ट्रोक या स्पाइन में चोट लगने से आपका मूत्राशय नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है और मूत्र असंयम की समस्या हो जाती है।
असंयम के दीर्घकालिक कारणों में ये शामिल हो सकते हैं-
* मधुमेह
जब आपको मधुमेह होता है, तो आपको मूत्राशय के आसपास न्यूरोपैथी या नर्व डैमेज होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, हाई बल्ड शुगर लेवल के परिणामस्वरूप अधिक मूत्र आता है, जिससे रिसाव हो सकता है। इस स्थिति में पेशाब करने के बाद भी पेशाब आना जैसी समस्या हो सकती है।
* पेल्विक फ्लोर डिजीज
जब आपकी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां खराब होती हैं, तो यह आपके मूत्राशय सहित अन्य अंगों के काम करने के तरीको को प्रभावित कर सकता है।
* स्ट्रोक
स्ट्रोक के सामान्य दुष्प्रभावों में से एक है मांसपेशियों की गतिशीलता और नियंत्रण संबंधी समस्याएं, जिसमें मूत्र प्रणाली को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियां भी शामिल हैं।
* मेनोपॉज
जब महिलाएं मेनोपॉज के करीब आती हैं, तो उनके हार्मोन का स्तर गिर जाता है। एस्ट्रोजन का स्तर कम होने से मूत्रमार्ग की परत पतली हो जाती है और अनैच्छिक असंयम का खतरा बढ़ जाता है।
* मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस)
न्यूरोलॉजिकल स्थितियां अक्सर नर्व सिग्नल्स के संचार में बाधा डालती हैं, जो लड़कों में मूत्र की गति को सुविधाजनक बनाती हैं, जिससे नियमित रूप से मूत्र रिसाव होता है। अध्ययनों से पता चलता है कि एमएस से पीड़ित 80 प्रतिशत से अधिक व्यक्ति मूत्र असंयम से परेशान रहते हैं।
* प्रोस्टेट का बढ़ जाना
यह एक ऐसी स्थिति है, जिसे बेनिग्न प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया के रूप में जाना जाता है, जहां प्रोस्टेट ग्रंथि सामान्य से बड़ी हो जाती है, जिससे पेशाब को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। कुछ दुर्लभ मामलों में प्रोस्टेट कैंसर सर्जरी के दौरान स्फिंक्टर की मांसपेशी क्षतिग्रस्त हो जाती है और पेशाब का अपने आप आना जैसी समस्या हो सकती है।
जटिलता
मूत्र असंयम से आपको निम्न जटिलताएं हो सकती हैं।
● स्किन से संबंधित समस्या:
जब आपको बार-बार पेशाब गिरने की समस्या होगी तो उसके साथ-साथ आपको आसपास की स्किन में घाव और जलन की भी समस्या हो जाती है।
● सामाजिक और भावनात्मक प्रभाव:
मूत्र असंयम के कारण कई बार आपको भीड़-भाड़ वाली जगह में भी पेशाब हो सकता है जिससे आपको शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है, और इससे आपकी भावनाओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
● यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन:
मूत्र असंयम से आपके मूत्रनली में संक्रमण के खतरे बढ़ जाते है और आपको यू टी आई (UTI) की गंभीर समस्या हो सकती है।
यूरिन लीकेज के घरेलू उपाय
यूरिन लीकेज के घरेलू उपाय आपके लिए कई तरह से फायदेमंद साबित हो सकते हैं। आइए जानें उनके बारे में:
- पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज
पेल्विक फ्लोर को मजबूत करने से आपको मूत्र असंयम की समस्या में कमी होगी। इसके लिए आप केगेल एक्सरसाइज करें। आपको बहुत लाभ मिलेगा। - पानी की सही मात्रा
- यूरिन लीकेज के घरेलू उपाय में एक है पानी की पर्याप्त मात्रा लेना। इसका मतलब है कि न तो आवश्यकता से अधिक पानी पिएं और न ही कम। रोज कम से कम 2 लीटर पानी पिएं।
- फाइबर का सेवन
- कब्ज़ की समस्या मूत्र असंयम का एक कारण हो सकती है, इसलिए अधिक से अधिक फाइबर खाएं ताकि आपका पेट साफ़ रहे।
- खाने और पीने का ध्यान रखना
- यूरिन लीकेज के घरेलू उपाय में से एक है भोजन का ध्यान रखना। अधिक तैलीय और कैफिन तथा चीनी की चीजों से बचें।
- वजन को सही रखना
- ज्यादा वजन आपके पेल्विक फ्लोर पर दबाव डालता है जिससे मूत्र असंयम की समस्या होती है। इसलिए वजन को ठीक रखें।
Adult Diapers - कैसे मैनेज करें इनकॉन्टिनेंस को
भले ही यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस यानी मूत्र असंयम से निपटने के लिए पारंपरिक उपचार मौजूद हैं। लेकिन एडल्ट डायपर से इसके लक्षणों से बचा जा सकता है। साथ ही अपनी दैनिक गतिविधियों को भी आराम से करना आसान हो जाता है। जैसा कि बाजार में कई प्रकार, आकार और सामग्री से बने सैकड़ों एडल्ट डायपर उपलब्ध हैं, लेकिन ऐसे में आपको अपनी व्यक्तिगत जरूरतों के हिसाब से सही डायपर का चुनाव करने में असमंजस हो सकता है।
ऐसे में हम आपकी इसी समस्या का निदान करने के लिए एक ऐसे डायपर के बारे में बताने वाले हैं। जो आपकी सभी जरूरतों का ध्यान रखेगा। यानी फ्रेंड्स प्रीमियम एडल्ट डायपर के बारे में। यह आपकी सभी समस्याओं का अकेले ही निदान कर देगा। इसकी बाहरी परत बेहद गहराई के साथ एसएपी से बनी है और शरीर के साइज के लिए उपयुक्त है। इसमें लगा पोरस पॉलिमर कोर रिटेन उच्च गुणवत्ता के साथ तरल पदार्थ को पूरी तरह सोख लेता है। जो दस घंटे तक आपको सुरक्षा प्रदान कर सकता है। यह लंबे समय तक आराम सुनिश्चित करता है।
ये डिस्पोजेबल एडल्ट डायपर पैंट है, जो आपको कपड़े के डायपर की तुलना में बेहतर स्वच्छता बनाए रखने में मदद करेगा क्योंकि इसे बदलने की प्रक्रिया तेज, सुविधाजनक है। यह गंदगी को बचाएगा। इसकी एंटी बैटकीरिया वाली सामग्री नमी को अवशोषित करती है और किसी भी संक्रमण और निशान बनने की संभावना को कम करती है। साथ ही ओडर कंट्रोल सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि आपको किसी भी दुर्गंध से निपटने में आसानी हो।
अक्सर वयस्क लोग सार्वजनिक रूप से एडल्ट डायपर को इस्तेमाल करने में शर्म महसूस करते हैं। उन्हें समाज में शर्म आती है और लगता है कि अगर पहना तो यह कपड़ों में भी दिखाई देगा। हालांकि फ्रेंड्स एडल्ट डायपर का डिजाइन ही ऐसा है, कि यह ना तो आरको भारी लगेगा और ना ही कपड़ों में अलग से दिखाई देगा। यह किसी भी तरह के कपड़े के साथ एडजस्ट हो सकता है। ऐसे में आपको इसे पहनने के बाद कोई शर्म नहीं आएगी।
इसके अलावा आप यह जानने के लिए अपने डायपर की लगातार जांच करने से बच जाएंगे, कि उसे कब बदलना है। यूनिसेक्स एडल्ट ड्राई पैंट में वेटनेस मॉनिटर प्रभावी रूप से डायपर बदलने की आवश्यकता को ट्रैक करते हैं और आपको समय पर सचेत करते हैं। यानी इसे कब बदलना है, यह जानने के लिए आपको इसे चेक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
वहीं फ्रेंड्स ओवरनाइट डायपर्स(Overnight Diapers) रात भर के रिसाव को रोकने का काम करते हैं (urine leakage treatment)। ताकि आपको कभी भीगे हुए कपड़ों के साथ ना उठना पड़े। घर पर मूत्र असंयम को प्रबंधित करने के लिए अन्य तरीकों को भी आप ध्यान में रख सकते हैं। स्वस्थ भोजन खाएं, शराब और कैफीनयुक्त पेय पदार्थों से परहेज करें, कब्ज को रोकें, अपने मूत्राशय को एक शेड्यूल के अनुसार मॉनिटर करें और पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज करें।
FAQ
1 दिन में कितनी बार पेशाब करना चाहिए?
एक दिन में 7 से 8 बार पेशाब करना सामान्य है, लेकिन यह आपकी पानी की मात्रा, आहार, और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। अगर बहुत ज्यादा या बहुत कम पेशाब हो रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
पेशाब कंट्रोल करने के लिए क्या करना चाहिए?
पेशाब कंट्रोल के लिए केगेल एक्सरसाइज करें, संतुलित पानी पिएं, नियमित समय पर पेशाब करें, कैफीन से बचें, और वजन नियंत्रित रखें।
क्या अधिक उम्र में मुझे असंयमिता का अधिक खतरा है?
जी हाँ, उम्र बढ़ने के साथ मूत्राशय और पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं, जिससे मूत्र असंयम की संभावना बढ़ जाती है।
क्या असंयमिता महिलाओं में अधिक आम है?
हाँ, मूत्र असंयमिता महिलाओं में अधिक आम है। यह गर्भावस्था, प्रसव, और मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण बढ़ सकती है। महिलाओं में मूत्राशय की मांसपेशियों की कमजोरी भी इस समस्या में योगदान करती है।