क्या आपको कभी पेशाब इतनी ज़ोरों की लगी है कि बिना दाएं-बाएं देखे सीधा शौचालय की ओर भागीं हैं? महिलाओं को बार-बार पेशाब आना अक्सर ऐसा महसूस कराता है जैसे कोई आपातकालीन अलार्म बज रहा है और आपको समय रहते शौचालय ढूंढना ही होगा। क्या होगा यदि यह तात्कालिकता और स्थिति दिन में कई बार घटित हो? कई महिलाओं के लिए यह वास्तविकता है!
क्या आप उन महिलाओं में से हैं जो बार-बार टॉयलेट आने से परेशान है? महिलाओं को बार-बार पेशाब आना कितना सामान्य है? ऐसा एहसास कभी-कभी होना आम है, पर अगर आपको बार-बार टॉयलेट जाना पड़ रहा है तो ये एक परेशानी का विषय है।
क्या आप जानती हैं बार-बार टॉयलेट आने का कारण? आइए आज जानते हैं, महिलाओं को बार-बार पेशाब क्यों आता है।
महिलाओं को बार-बार पेशाब आना और जलन होना
कई महिलाओं ने बार-बार पेशाब आने के साथ जलन का भी अनुभव किया है। कई महिलाएं इससे गुजरती हैं, और संभावित कारणों को समझना और उन्हें संबोधित करने के तरीके ढूंढना आवश्यक है।
सबसे पहले, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि यह समस्या विभिन्न कारकों के कारण हो सकती है। इनमें से कई समस्याओं का हम पहले ही जिक्र कर चुके हैं जैसे कि मूत्र पथ संक्रमण, मूत्राशय संक्रमण, या हार्मोनल परिवर्तन।
जलन को कम करने के लिए खूब पानी पीएं। पानी पीने से आपके मूत्र तंत्र से बैक्टीरिया को बाहर निकालने और जलन को कम करने में मदद मिल सकती है।
इसके अलावा, अपने जननांग क्षेत्र को साफ और सूखा रखें, और कठोर साबुन या सुगंधित उत्पादों का उपयोग करने से बचें जो आपकी त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं।
महिलाओं को बार-बार टॉयलेट आने के लक्षण
महिलाओं को बार-बार पेशाब आना कई सारी समस्याओं की ओर संकेत करता है। रिसर्च की मानें तो 24 घंटों में 6-8 बार पेशाब करना किसी स्वस्थ व्यक्ति के लिए सामान्य बात है। इससे ज्यादा बार पेशाब आना किसी बीमारी की ओर संकेत कर सकता है।
महिलाओं को बार-बार पेशाब आना और जलन होना इन परेशानियों के लक्षणों में से है। इसके और भी कई लक्षण है, जैसे कि:
- पेशाब के वक्त मूत्रमार्ग (urethra) में दर्द
- बदबूदार मूत्र
- पेशाब में खून आना
- बार बार पेशाब करने की इच्छा
- पेट दर्द
- पीठ दर्द
- अधिक ठंड लगना
- बुखार
- असामान्य योनि स्राव
- महिलाओं को बार-बार पेशाब आना और पेट में दर्द होना भी संभव है।
महिलाओं को बार-बार पेशाब आने का कारण
महिलाओं को बार-बार पेशाब आना और जलन होना सामान्य नहीं है। एक महिला जिसे बार बार टॉयलेट जाना पड़ रहा है, उसके लिए ये जान लेना जरूरी है कि बार-बार पेशाब क्यों आता है? महिलाओं में बार-बार पेशाब आने के कुछ कारण हैं:
- यूटीआई इन्फेक्शन (UTI) - मूत्र संबंधित संक्रमण एक ऐसी स्थिति है जब मूत्रमार्ग के किसी भाग में बैक्टीरिया का आक्रमण होता है
- बहुत ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन
- शराब और कैफिन का अधिक सेवन
- ब्लैडर में पथरी
- योनिसोध (Vaginitis) - योनि में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाना
- ओवरएक्टिव ब्लैडर (OAB) - जिसमें व्यक्ति को बार-बार और तेज़ी से पेशाब करने की इच्छा होती है जो हमेशा काबू नहीं हो पाती है
- गर्भावस्था
- एस्ट्रोजन की कमी (एस्ट्रोजन एक सेक्स हार्मोन है जो आपके यौन और प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है)
- मधुमेह (Diabetes) - टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह, दोनों में ही बार-बार पेशाब आने की समस्या होती है।
Related Read - प्रेग्नंसी में बार-बार पेशाब आना से राहत पाने के टिप्स
महिलाओं को बार-बार पेशाब आना और जलन होना घरेलू उपाय
महिलाओं को बार बार पेशाब आना, इसके लक्षण, और कारण जानने के बाद कुछ उपाय जानने भी जरूरी हैं। इसके लिए इन कुछ घरेलू उपायों को आजमाया जा सकता है:
- मेथी के बीज खाना फायदेमंद हैं।
- अनार के छिलके का मिश्रण (paste) बनाकर उसका सेवन करें।
- रोज़ 1 आंवले का सेवन करें।
- तुलसी और शहद का सेवन करें।
- क्रैनबेरीज के रस का सेवन करें।
महिलाओं को बार-बार पेशाब आना घरेलू उपाय से ठीक हो सकता है। मगर याद रखिए कि घरेलू उपाय इलाज का विकल्प नहीं है। इसलिए अगर आपकी परेशानी कम नहीं होती है या अधिक गंभीर हो जाती है तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलिए।
पेशाब करने के बाद भी पेशाब आना
पेशाब करने के बाद भी पेशाब आना, किसी तत्काल आवश्यकता जैसा महसूस होता है। इस स्थिति में मूत्राशय भरा न होने पर भी अचानक, तीव्र पेशाब करने की आवश्यकता होती है।
इसके कई कारण हैं, जिसके बारे में हम पहले ही बात कर चुके हैं, जैसे कि अतिसक्रिय मूत्राशय, मूत्र पथ में संक्रमण, या रजोनिवृत्ति, गर्भावस्था या मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल परिवर्तन।
अक्सर, यह अनुभूति असुविधा के साथ होती है, जैसे पेल्विक क्षेत्र में जलन या दबाव महसूस होना। यह उन महिलाओं के लिए निराशाजनक और दैनिक गतिविधियों को बाधित करने वाला हो सकता है जो इसका अनुभव करती हैं।
कुछ महिलाओं को पेल्विक फ्लोर व्यायाम, जिसे केगल्स भी कहा जाता है, करने से इन समस्याओं में राहत मिलती है। ये व्यायाम मूत्र के प्रवाह को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों को मजबूत करते हैं, जिससे पेशाब करने की आवश्यकता की अनुभूति कम हो सकती है।
मुझे बार-बार पेशाब आने के बारे में डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
बार-बार पेशाब आने के कारण किसी भी परेशानी का अनुभव होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
इन कुछ खास बातों का ध्यान रखें:
- यदि आवृत्ति एक सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहती है, पेशाब के दौरान जलन, बादल या तेज गंध वाला मूत्र, या आपके पेट में असुविधा या अन्य लक्षण होते हैं, तो तत्काल चिकित्सा सहायता लें।
- अचानक पेशाब करने की इच्छा होने या असंयम होने पर भी तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
- बार-बार पेशाब आना विभिन्न अंतर्निहित स्थितियों जैसे मूत्र पथ के संक्रमण, मधुमेह, या अतिसक्रिय मूत्राशय का लक्षण हो सकता है।
बार-बार पेशाब आना और असंयम के बीच अंतर
बार-बार पेशाब आना और मूत्र असंयम दो अलग-अलग मूत्र संबंधी समस्याएं हैं, हालांकि कभी-कभी ये एक साथ भी हो सकती हैं। इन दो समस्याओं के बीच के अंतर को समझना जरूरी है।
बार-बार पेशाब आने का तात्पर्य सामान्य से अधिक बार पेशाब करने की आवश्यकता से है। यह विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है, जैसे कि अधिक तरल पदार्थ का सेवन, कुछ दवाएं, या मधुमेह या मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) जैसी अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियां।
दूसरी ओर, असंयम मूत्र का अनैच्छिक रिसाव है, जो कमजोर पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों, तंत्रिका क्षति, या मूत्र पथ में रुकावट जैसे कारकों के कारण हो सकता है।
असंयम के विभिन्न प्रकार हैं, जिनमें तनाव असंयम, आग्रह असंयम और अतिप्रवाह असंयम शामिल हैं, प्रत्येक के अपने विशिष्ट कारण और लक्षण हैं।
बार-बार पेशाब आना असुविधाजनक और परेशान करने वाला हो सकता है, जबकि मूत्र असंयम किसी व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता और भावनात्मक सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकता है। मूत्र असंयम के लिए अक्सर अधिक चिकित्सा ध्यान और हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।
मूत्र असंयम और बार-बार पेशाब आने के कारण होने वाली असुविधाओं से बचने के लिए एक बेहतरीन विकल्प मौजूद है। Friends ऐडल्ट डाइपर अच्छे वेरिएन्ट्स में उपलब्ध है जो 16+ घंटों तक ड्राइ रखने में सक्षम है। फ़्रेंड्स ऐडल्ट डाइपर आपकी गरिमा को बनाए रखता है और आपको खुलकर जीने की आजादी देता है।
Product Recommendations
निष्कर्ष
बार बार पेशाब क्यों आता है, ये सवाल एक महिला के लिए बहुत अहम है ताकि आप सही उत्तर जान सकें और उसके अनुसार जरूरी कदम उठा सकें। महिलाओं को बार-बार पेशाब के लक्षण होना आपके शरीर के मदद मांगने का तरीका है। इसे नज़रअंदाज़ न करें।
हम समझते हैं कि आपके पास दिन भर में कितना काम और जिम्मेदारियाँ हैं। और अक्सर आप अपना ख्याल रखना भूल जाते हैं। लेकिन इससे यूरिन इन्फेक्शन, दर्द आदि समस्याएं हो सकती हैं।
इसे उस हद तक क्यों जाने दिया जाए? हमेशा अपना ख्याल रखें और खुद को पहले रखने का प्रयास करें। यदि आप स्वस्थ नहीं रहेंगी तो आप अपनी अन्य जिम्मेदारियां कैसे निभाएंगी?
महिलाओं को बार बार पेशाब आना असुविधाजनक हो सकता है। ऐसे में अगर आपको इस परेशानी में राहत मिल जाए तो आप क्या कहेंगे? आज़ादी मुबारक! तो फ्रेंड्स ड्राई पैंट्स को एक बार जरूर अपना कर देखे। ये आपकी यूरीन की बदबू और लीकेज से छुटकारा दिलाएगा।
प्रायः पूछे जाने वाले सवाल
एक सामान्य महिला को दिन में कितनी बार पेशाब करना चाहिए?
एक स्वस्थ महिला को दिन में 6-8 बार पेशाब करना चाहिए।
पेशाब करने के बाद भी पेशाब क्यों आता है?
बार बार पेशाब क्यों आता है, इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे की यूटीआई इन्फेक्शन (मूत्रमार्ग के किसी भाग में बैक्टीरिया का आक्रमण होना), बहुत ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन, शराब का अधिक सेवन, ब्लैडर में पथरी, आदि।
ज्यादा पेशाब आने से कौन सी बीमारी होती है?
बार बार पेशाब आने से मधुमेह का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।
अगर औरत पेशाब करती रहे तो इसका क्या मतलब है?
महिलाएं को बार बार पेशाब आना इसके कई कारण है जैसे कि संक्रमण, बीमारी, चोट, मूत्राशय में जलन मधुमेह या योनिसोध।
क्या दिन में 20 बार पेशाब करना नॉर्मल है?
नहीं, दिन में 6-8 बार पेशाब करना सामान्य है। इससे अधिक बार ये नॉर्मल नहीं है और यदि ये आपके साथ हो रहा है तो आपको किसी डॉक्टर से मिलने की ज़रूरत है।
लेडीस के पेशाब में जलन क्यों होती है?
पेशाब के दौरान जलन का अनुभव कई कारकों के कारण हो सकता है, जिनमें बैक्टीरिया संक्रमण, यीस्ट संक्रमण या यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) शामिल हैं। लेडीस के पेशाब में जलन क्यों होती है, यह जानने के अंतर्निहित कारण समझने के बाद उचित उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।