Diabetes को शुगर और मधुमेह भी कहा जाता है। ये बीमारी आजकल बहुत आम मानी जाती है लेकिन बेहद खतरनाक भी है। यह या तो अधिक मीठा खाने से होती है, खराब life style से होती है या फिर जन्म के साथ ही हो जाती है। यानी वंशानुगत होती है। ये बीमारी अधिकतर बच्चों में पाई जाती है। और इसे ही Type 1 Diabetes कहा जाता है। बीमारी होने का खतरा उन बच्चों को ज्यादा होता है, जिनके दादा दादी या फिर माता पिता को मधुमेह होता है। लेकिन चाहे ये बीमारी कभी भी हो, इंसान के लिए खतरनाक होती ही है।
शुगर होने के बाद इसका स्तर सामान्य होना बहुत जरूरी होता है, अगर स्तर सामान्य से बहुत अधिक है तो इनसुलिन देने की नौबत आ सकती है। लेकिन अगर कम है, तो भी स्थिति चिंताजनक ही बनी रहती है। ऐसी स्थिति में मरीज को चक्कर आने लगते हैं, घबराहट होती है और आंखों के आगे अंधेरा छाने लगता है। इसलिए मरीज को शुगर की बीमारी होने पर डॉक्टर को दिखाते रहना चाहिए, क्योंकि डॉक्टर शुगर को सामान्य रखने के लिए दवा देता है और खानपान कैसा हो, इस बारे में भी बताता है। डॉक्टर की सलाह का ठीक से पालन कर इस घातक बीमारी से खुद को बचाया जा सकता है।
टाइप 1 डायबटीज क्या होती है?
अब जान लेते हैं कि Diabetes Type 1 kya hai? जब कोई बच्चा जन्म लेता है और उसे जन्म के बाद शुगर की बीमारी निकलती है या फिर थोड़ी बड़ा होने पर उसे ये बीमारी हो जाती है, तो इसे टाइप 1 Diabetes कहा जाता है। ऐसे में लापरवाही की वजह से दिल की बीमारी और ब्लड प्रेशर का खतरा बना रहता है। साथ ही Diabetes की बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है। शरीर में शुगर का स्तर अधिक होने के कारण भी ये बीमारी हो जाती है। आमतौर पर लोगों में सबसे अधिक खतरा टाइप 2 Diabetes का होता है। लेकिन इसे अच्छे खानपान से रोका जा सकता है। वहीं अगर खानपान पर ध्यान ना दें, तो भी 1 Diabetes का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि Type 1 Diabetes खतरनाक नहीं होती। ये भी मधुमेह के दूसरे प्रकार की तरह ही सेहत के लिए घातक होती है।
टाइप 1 डायबटीज होने पर टाइप 2 की तरह ही खतरा बना रहता है। ये बीमारी बहुत बार बचपन में हो जाती है, जबकि कई बार वयस्क होने पर इसका पता चलता है। 40 के करीब उम्र वाले लोगों या बुजुर्गों को अधिक खतरा होता है। उन्हें इनसुलिन तक देना पड़ जाता है। Type 1 Diabetes में युवाओं को इनसुलिन की जरूरत बहुत कम पड़ती है। ऐसे में सही खानपान का पालन कर इस घातक स्थिति से खुद को बचाया जा सकता है। लेकिन पूरी तरह ये सोच लेना कि मधुमेह से पीड़ित बच्चों और युवाओं को इससे खतरा नहीं है, यह गलत होगा। बच्चों और वयस्कों को भी, बुजुर्गों की तरह ही मधुमेह का खतरा बना रहता है। हालांकि इस बीमारी के सही प्रबंधन से सामान्य स्थिति में रहा जा सकता है।
हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि टाइप 1 Diabetes होने पर कुछ खास लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। अगर कुछ लक्षण दिखाई भी दें, तो वो हल्के ही रहते हैं। यही लक्षण बाद में धीरे-धीरे विकसित होने लगते हैं। इन लक्षणों में बार बार पेशाब आना और ज्यादा प्यास लगना शामिल है। अगर ठीक से इलाज ना हो या खानपान का ध्यान ना रखें तो स्थिति घातक हो सकती है।
मधुमेह टाइप 1 की बीमारी आखिर कैसे होता है?
ये सवाल हर किसी के जहन में बना रहता है कि how does Diabetes occur और इससे कितना नुकसान पहुंचा सकता है। इसका जवाब ये है कि जब शरीर में हार्मोन्स या अन्त: स्त्रावी ग्रंथियों द्वारा बनने वाला स्त्राव कम हो जाता है, या फिर उसकी अधिकता हो जाती है, तो शरीर में कई तरह की बीमारियां बनने लगती हैं। इन बीमारियों में ही मधुमेह शामिल है। इस स्थिति के कारण मधुमेह के अलावा थायराइड, मोटापा, कद से जुड़ी समस्याएं और insulin की कमी या उसके काम करने के तरीके में बदलाव शामिल होता है। इन सब बीमारियों में सबसे अधिक घातक मधुमेह होती है। इसे मधुमेह और शुगर के अलावा डायबटीज मैलिटस भी कहा जाता है।
कौन सी डायबटीज खतरनाक होती है
Types of Diabetes दो तरह की होती है। एक टाइप 1 और दूसरी टाइप 2। अब जानते हैं कि what is Type 1 and Type 2 Diabetes। तो इसमें टाइप 1 वो है, जो जन्मजात होती है और टाइप 2 वो होती है, जो खराब life style की वजह से वयस्क होने पर होती है। इन्हें ही टाइप 1 और टाइप 2 के नाम से जाना जाता है। टाइप 1 और टाइप 2 दोनों में सेहत का पूरा ध्यान रखना चाहिए। तो चलिए अब जानते हैं कि Type 1 vs Type 2 Diabetes में कौन सी अधिक खतरनाक है। टाइप 1 डायबटीज बीमारी बड़ों के मुकाबले बच्चों में अधिक देखने को मिलती है, जबकि टाइप 2 वयस्कों में देखने को मिलती है।
दोनों ही बीमारी इंसान के लिए खतरनाक होती हैं। Type 1 Diabetes में शरीर की कुछ कोशिकाएं पैंक्रियाज वाली कोशिकाओं पर हमला करती हैं, जिसके चलते इनसुलिन बनना बंद हो जाता है। इसी वजह से शरीर में sugar की मात्रा बढ़ने लगती है। टाइप 2 डायबटीज अधिक फैट वाला भोजन खाने, समय पर ना सोने, सुबह देर तक सोने, बहुत ज्यादा नशा करने और खराब जीवनशैली की वजह से होती है। जिसके कारण शरीर में इनसुलिन बनना कम हो जाता है। आसान भाषा में कहें तो दोनों ही प्रकार की Diabetes सेहत के लिए खतरनाक होती हैं।
Friends Adult Diaper कैसे आ सकता है काम?
मधुमेह होने पर सबसे अधिक परेशानी तब होती है, जब पेशाब या तो बार-बार आए या अचानक आए। इससे कई बार इंसान को शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ता है। क्योंकि पेशाब कपड़ों में निकल जाता है। कई बार तो मरीज को बाथरूम तक जाने का भी समय नहीं मिल पाता है। परेशानी तब अधिक बढ़ जाती है, जब मधुमेह का मरीज किसी शादी फंक्शन में गया हो, या फिर घर से बाहर किसी और जरूरी काम के लिए निकला हो। तो ऐसी स्थिति में Friends Diaper काफी काम आ सकता है। इसे लगाकर मधुमेह के मरीज निश्चिंत होकर बिना किसी डर के कहीं भी जा सकते हैं।