प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं बहुत सी परिस्थितियों से गुजरती है, उनमें से एक है यूरीन इन्फेक्शन। प्रेगनेंसी में यूरीन इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। चिकित्सकों की माने तो यूरीन इन्फेक्शन 41% तक पहले तिमाही में होते है। इसे जल्दी समझने से इसका इलाज़ जल्दी हो सकता है और बच्चे और मां को सुरक्षित रखा जा सकता है। आज हम जानेंगे प्रेगनेंसी में यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में। साथ ही ये भी जानना जरूरी है की यूरिन इन्फेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए और क्या खाना चाहिए।
यूरिन इन्फेक्शन के कारण
घबराइए मत, प्रेगनेंसी में यूरीन इन्फेक्शन आम है। शिशु जब बढ़ने लगता है तब मूत्र मार्ग (urinary tract) पर दबाव बढ़ जाता है, जिसके वजह से कई बार इन्फेक्शन होने लगता है। प्रेगनेंसी के दौरान यूरीन में एसिड की मात्रा कम और प्रोटीन और शुगर की ज्यादा होती है और ये कारण भी इन्फेक्शन के जोखिम को बढ़ाते है।
ऐसे में ये सोचना की बार बार पेशाब क्यों आता है आम है।आप ये तो जानते ही होंगे की प्रेगनेंसी के दौरान शरीर का वजन बढ़ता है। बढ़े हुए वजन के कारण ब्लैडर पे दबाव पड़ता है। ऐसे में यूरीन का पूरी तरह से निकल पाना मुश्किल होता है और बचे हुए यूरीन से इन्फेक्शन होने लगता है। इसके अलावा भी प्रेगनेंसी में यूरीन इन्फेक्शन के कारण है, जैसे की शारीरिक बदलाव एव हार्मोनल परिवर्तन, और संभोग।
प्रेगनेंसी में यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण
प्रेगनेंसी में यूरीन इन्फेक्शन के लक्षण की पहचान इन बातों को ध्यान में रखके की जा सकती है,
- बार बार यूरीन आना
- यूरीन के दौरान हल्की जलन या दर्द
- पेशाब आ रही ऐसा महसूस होना
- कई बार यूरीन के दौरान खून आना
- पेशाब में पीलापन
- पेट के निचले हिस्से में दर्द और ऐठन होना
- ब्लैडर के आस पास दर्द या प्रेशर
- आधी नींद में पेशाब के लिए जगना
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प्रेगनेंसी में यूरिन इन्फेक्शन के उपचार
अगर आप भी यूरिन इन्फेक्शन से पीड़ित हैं तो चिंता न करें, चिकित्सक सलाह देते है की प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने तक यूरीन कल्चर टेस्ट करवाना चाहिए। इससे यूरीन में बैक्टीरिया की पहचान हो जाती है और जल्दी दवाइयों का सेवन कर उसे रोका जा सकता है।
इस दौरान चिकित्सक एंटीबायोटिक का कोर्स भी देते है। ये 3-7 दिन का कोर्स बच्चे और मां दोनो के लिए सुरक्षित रहता है।
जब आपने प्रेगनेसी में यूरीन इन्फेक्शन के लक्षण जान लिए है, तो अब इसके कुछ घरेलू उपचार भी जाने,
- खूब पानी पीए
- पेशाब को ना रोकें
- कॉटन का कपड़ा इस्तेमाल करे और अपनी अंडरवीयर रोज बदले
- पेशाब के बाद वैजाइना को साफ करें, पोछे, और सुखा लें
- केमिकल वाले साबुन का उपयोग ना करें
- विटामिन सी और क्रैनबेरी के जूस का सेवन करें
प्रेगनेंसी के दौरान अपने शरीर का खयाल रखना बहुत जरूरी हो जाता है विशेषकर अपनी योनि को सूखा और साफ रखना।। प्रेगनेंसी में कई बार यूरीन लीकेज की समस्या भी होती है और इसीलिए मेरे पास आपके लिए एक सुझाव है। आप ड्राई पैंट्स का इस्तेमाल करे। ड्राई पैंट्स के इस्तेमाल के बाद आप खुद ये ज़रूर कहेंगे - आज़ादी मुबारक। ये ड्राई पैंट्स जो की ख़ासकर महिलाओं की ज़रूरतों के लिए बना है, आपको गीलेपन, रैशेज (rashes), और यूरीन के पास हो रहे इन्फेक्शन से भी सुरक्षित रखेंगे। इस प्रोडक्ट की अधिक जानकारी आपको यहां मिल जाएगी । Friends UltraThinz Dry Pants.
निष्कर्ष
प्रेगनेंसी में यूरीन इन्फेक्शन बहुत सी महिलाओं को होता है। लेकिन सही देखभाल और सतर्क कार्रवाई इसे शुरुआत में ही ख़त्म कर सकती है। मैं आपको इससे घबराने की बजाए इसके लक्षण जानने पर जोर देना चाहूंगी। इसके लक्षण, बचाव, और उपचार की जानकारी लेना हर गर्भवती महिला के लिए जरूरी है। प्रेगनेंट महिला को शुरवात के 3 महीनों में यूटीआई का टेस्ट करवा लेना चाहिए, ताकि वो यूरीन इन्फेक्शन से बच सके। अपने डॉक्टर से इससे संबंधित बहुत सारे सवाल जैसे की, बार बार टॉयलेट आने का कारण, महिलाओं को बार बार पेशाब होना और जलन होना, इसकी वजह, और अन्य सवाल पूछने में संकोच न करें।
प्रायः पूछे जाने वाले सवाल
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प्रेगनेंसी में यूरिन इन्फेक्शन हो तो क्या करें?
अगर प्रेगनेंसी में यूरीन इन्फेक्शन हो तो चिकित्सक (doctor) से सलाह ले, यूरीन कल्चर का टेस्ट भी कराएं।
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प्रेगनेंसी के दौरान यूरिन इन्फेक्शन क्या यह बच्चे के लिए हानिकारक है?
यूरीन इन्फेक्शन का इलाज़ सही समय पे ना करना मां और बच्चे दोनो के लिए हानिकारक है। यूरीन इन्फेक्शन से प्रीमेच्योर लेबर का खतरा भी बढ़ता है। और तो और इससे किडनी इन्फेक्शन का जोखिम भी बढ़ता है।
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प्रेगनेंसी यूरिन इन्फेक्शन में क्या नहीं खाना चाहिए?
-प्रेगनेंसी में यूरीन इंफ्वेशन से बचने के लिए रिफाइंड फूड, कैफीन (काफी), फलों के रस, चीनी, और शराब का सेवन न करे।
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यूरिन इन्फेक्शन ठीक होने में कितना समय लगता है?
एंटीबायोटिक्स की मदद से यूरीन इन्फेक्शन 24 घंटे से 48 घंटे के अंदर ठीक हो सकता है। पर अगर ये किडनी तक चला गया है तो इससे ठीक होने में वक्त लग सकता है। अपने डॉक्टर से बात करें।
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प्रेगनेंसी में पेशाब की जगह पर जलन और दर्द क्यों होता है?
प्रेगनेंसी में पेशाब में जलन क्यों होती है? इसका कारण है की प्रेगनेंसी में शिशु जब बढ़ने लगता है तब मूत्र मार्ग पर दबाव बढ़ जाता है और इसीलिए पेशाब की जगह में दर्द होने लगता है। प्रेगनेंसी में शुरवात के 3 महीनों में यूटीआई का खतरा भी ज्यादा होता है और कई बार इसी वजह से मूत्रमार्ग के पास जलन होने लगती है।